वाशिंगटन : यहां हजारों नागरिकों से करोड़ों डॉलर ठगने बाले एक व्यापक कॉल सेंटर घोटाले के संबंध में भारतीय मूल के 21 लोगों को अधिकतम 20 साल की सजा सुनाई गई है। विधि विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, इसी सप्ताह सुनाए गए फैसले में चार से 20 साल तक की सजा सुनाई गई। महान्यायवादी जैफ सैसंस ने कहा, भारतीय कॉल सेंटर घोटाला उद्योग पर निशाना बनाते हुए बहुक्षेत्राधिकार अभियोजन पक्ष का अब तक का सबसे कठोर फैसला है। उन्होंने कहा, यह मामला बड़े घोटालों का पर्दाफाश करने और अमेरिकी गणराज्य के लोगों को इनका शिकार बनने से रोकने के लिए जारी हमारे प्रयासों की सबसे महत्वपूर्ण जीत में से एक है। बचाव पक्ष की याचिकाओं के संबंध में दायर विभिन्न याचिकाओं के अनुसार, 2012 से 2016 के बीच बचाव पक्ष और उनके षड्यंत्रकारियों ने एक ठगी और काले धन को वैध बनाने की योजना निकाली, जिसमें अहमदाबाद स्थित कॉल सेंटर में मौजूद व्यक्ति सर्वोच्च कर एजेंसी, आंतरिक वाणिज्य सेवा (आईआरएस) या अमेरिका नागरिक और आव्रजन सेवा के अधिकारियों के रूप में नियमित रूप से बात कर अमेरिका के नागरिकों को शिकार बना सकें। आरोपी आंकड़ों के दलालों और अन्य स्रोतों से उनकी जानकारी इकट्ठी कर अपने शिकारों को सरकार के कथित धन को ना चुकाने की अवस्था में गिरफ्तारी, कारावास, जेल या देश-निकाला की धमकी देकर उन्हें शिकार बनाते थे। रुपये चुकाने के लिए राजी पीड़ितों को भुगतान करने की प्रक्रिया समझाई जाती जिसमें स्टोर वैल्यू कार्ड या डिजिटल धन भुगतान का भी विकल्प होता। इसी वर्ष तीन अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई जा चुकी है। गिरफ्तार हुए 22 आरोपियों को पहचाने गए पीड़ितों को 89,70,396 डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा गया है।