टी राजा क्यों नाराज थे और उनका इस्तीफा क्या संकेत है
दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी की पहले से ही राजनीति कमजोर रही है। दक्षिण भारत को फतह करने के लिए दिल्ली स्थिति बीजेपी आलाकमान ने साम दाम दण्ड भेद सब अपना लिया। लेकिन दक्षिण का किला फतह नहीं कर सकी। अब बीजेपी को दक्षिण भारत स्थित तेलंगाना राज्य से बड़ा झटका लगा है। राज्य के फायरब्रांड नेता टी राजा सिंह ने अचानक इस्तीफा देकर तेलंगाना से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी है। एमएलए टी राजा सिंह ने अपना इस्तीफा राज्य इकाई के चीफ जी किशन रेड्डी को सौंप दिया है। माना जा रहा है कि टी राजा सिंह के इस्तीफे की वजह तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष रामचंदर राव की नियुक्ति बताई जा रही है। शुरू से ही टी राजा सिंह उनकी नियुक्त से नाराज चल रहे थे। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इस्तीफे की वजह सामने नहीं आई है।
इस्तीफे के बाद टी राजा सिंह क्या बोले
अपने कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के लिए प्रसिद्ध तेलंगाना के फायरब्रांड नेता वा गोशामहल से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने इस्तीफे के बाद अपनी बात सामने रखी। टी राजा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो पत्र शेयर किए , जिसमें उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों की हमारी चुप्पी को सहमति नही समझना चाहिए। यह बात मैं सिर्फ अपने लिए नही बल्कि उन तमाम कार्यकर्ताओं के लिए बोल रहा हूं। जो हमारे साथ पहले आस्था के साथ जुड़े थे। और निराशा के साथ महसूस कर रहे हैं। भले ही मैं इस्तीफे के साथ पार्टी से अलग हो रहा हूं लेकिन मैं हिंदुत्व की विचारधारा और गोशमहल की जनता की सेवा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं। उनके साथ खड़ा हूं। मैं हिंदुत्व को लेकर अपनी आवाज उठाता रहूंगा। मैं अपने हिंदुत्व समुदाय के लोगों के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा।
टी राजा ने पीएम और ग्रह मंत्री से की अपील
तेलंगाना के कद्दावर बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने अपने पत्र में आगे कहा कि मेरे इस्तीफे का निर्णय एक कठिन फैसला है। लेकिन इसे लेना जरूरी था। बहुत से लोगों की चुप्पी का मतलब सहमति नहीं समझना चाहिए।अपने इस्तीफे के बाद फायरब्रांड बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह से खास अपील की है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और ग्रह मंत्री अमित शाह जी से अपील करता हूं कि वे इस कोर्स पर पुनर्विचार करें। तेलंगाना पूरी तरह से बीजेपी के लिए तैयार है। हमें उसका सम्मान करने और उसे हाथ से ना जाने देने लिए लिए सही नेतृत्व की जरूरत है। टी राजा ने अपनी बात को जय हिंद और जय श्री राम के नारे से समाप्त की।
टी राजा ने पैगंबर मोहम्मद पर की थी टिप्पणी
तेलंगाना के गोशामहल के विधायक टी राजा ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे देने का कोई ये नया चौंकाने वाला फैसला नहीं है। इससे पहले टी राजा सिंह ने साल 2018 में अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका चुके हैं। लेकिन तब पार्टी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। टी राजा सिंह इस्लाम के गॉड मोहम्मद पैगम्बर के बारे में भी टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के राम से जुड़े अभद्र टिप्पणी के बाद मोहम्मद पैगम्बर पर टिप्पणी की थी। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। लेकिन साल 2022 में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव से पहले माफ कर पार्टी में शामिल कर लिया गया। और वो चुनाव जीत गए थे।
बीजेपी के लिए कितने अहम है टी राजा सिंह
तेलंगाना में टी राजा सिंह सबसे बड़े और कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के नेता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो गोशमहल विधानसभा सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। गोशमहल विधानसभा सीट की अच्छी बात ये है कि ये चुनावी क्षेत्र हैदराबाद संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। जो AIMIM के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी के कब्जे में है। ओवैसी यहां से सांसद हैं। उनके संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें है। जिसमें एक टी राजा सिंह की गोशमहल भी है। यहां हिंदुओ की संख्या अधिक है। हिंदी के अलावा मराठी , मारवाड़ी और राजपूत के लोग रहते हैं। टी राजा सिंह बीजेपी के लिए इसलिए अहम है क्योंकि उनकी हिंदुत्ववादी छवि तेलंगाना तक ही सीमित नहीं है। वो हैदराबाद तक है। बीजेपी चाहेगी कि टी राजा सिंह जल्द ही वापस आ जाएं। नहीं तो गोशमहल सीट बीजेपी के हाथ से फिसल जाएगी। और धीरे धीरे हिंदू वोट भी छिटक सकता है। ऐसे में बीजेपी टी राजा सिंह से अपना इस्तीफा वापस लेने को जरूर कहेगी।