चित्रकूट जिला कारागार का औचक निरीक्षण: जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने सुविधाओं का किया आकलन

Aanchalik Khabre
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चित्रकूट

चित्रकूट/प्रमोद मिश्रा।
दिनांक 19 सितम्बर 2025 को जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरणप्पा जी.एन. एवं पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण किया। यह औचक निरीक्षण प्रशासनिक पारदर्शिता और जेल व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया।

सीसीटीवी और सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच

निरीक्षण की शुरुआत अधिकारियों ने जेल के मुख्य गेट से की, जहां उन्होंने सीसीटीवी कैमरों के संचालन और सुरक्षा प्रबंधों की विस्तृत समीक्षा की। जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए कि सभी कैमरे कार्यशील अवस्था में रहें और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा से जुड़ी हर व्यवस्था को समय-समय पर अपडेट करने पर भी जोर दिया गया।

महिला बैरक में सुविधाओं की समीक्षा

महिला बैरक में निरुद्ध महिलाओं से जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने खान-पान, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधाओं और उनकी दैनिक आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली। वार्डन को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार निरुद्ध महिलाओं को दूरभाष पर परिवार से बात करने की सुविधा समय पर उपलब्ध कराई जाए।

हाई सिक्योरिटी बैरक की तलाशी

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने हाई सिक्योरिटी बैरक का भी दौरा किया और कैदियों की गहन तलाशी कराई। इस दौरान कैदियों की सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया। जेल अधीक्षक को निर्देश दिए गए कि सभी कैदियों को मीनू के अनुसार भोजन और नाश्ता नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

रसोईघर और पेयजल आपूर्ति की जांच

अधिकारियों ने जेल के रसोईघर और आरो वाटर सप्लाई की भी जांच की। उन्होंने अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कैदियों को स्वच्छ पेयजल और ताज़ा भोजन मिले। भोजन की गुणवत्ता और मात्रा पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।

मानवीय दृष्टिकोण और प्रशासनिक पारदर्शिता

जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. और पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि कैदियों को शासन द्वारा अनुमन्य सभी सुविधाएं मानवीय दृष्टिकोण से समय पर मिलनी चाहिए। उन्होंने जेल प्रशासन को यह भी कहा कि अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखते हुए कैदियों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित किया जाए।

सुझाव और आगे की दिशा

निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने जेल अधीक्षक और कर्मचारियों को प्रेरित किया कि वे प्रशासन की छवि सुधारने और कैदियों के पुनर्वास की दिशा में भी काम करें। उन्होंने कहा कि जेल केवल दंड देने का स्थान नहीं बल्कि सुधार और पुनर्वास की प्रक्रिया का भी हिस्सा है। यदि कैदियों को बेहतर वातावरण और अनुशासन का अनुभव होगा, तो उनके पुनर्वास की संभावना भी बढ़ेगी।

नागरिकों और मीडिया के लिए संदेश

इस निरीक्षण ने यह संदेश दिया कि जिला प्रशासन नियमित निगरानी और पारदर्शिता के माध्यम से कैदियों को अनुमन्य सुविधाएं देने और जेल व्यवस्था को मानवीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम न केवल जेल प्रशासन बल्कि समाज में भी न्याय और अनुशासन की भावना को मजबूत करता है।

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