क्या रथ यात्रा का आयोजन फिर से सुरक्षित बनाया जा सकता है
ओडिशा के पुरी में हर वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश – विदेश से लोग आते हैं। इस यात्रा में लगभग लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं। लेकिन रविवार को पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद सुबह तड़के लगभग चार बजे भगदड़ मच जाती है। भगदड़ में लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम तितर बितर हो जाता है। जिसकी वजह से कुछ लोग दब जाते हैं। इनमें से तीन लोगों की मौत होने की पुष्टि होती है। जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो जाते हैं। जिसमें 6 लोग बुरी तरह से घायल बताए जा रहे हैं। खबर के मुताबिक भगदड़ की मुख्य वजह अनियंत्रित भीड़ बताई गई। भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन आज साबित हुआ। जिसके बाद ओडिशा सीएम मोहन चरण माझी ने घटना को लेकर पहले तो माफी मांगी फिर एक्शन लेते हुए डीएम एसपी का तबादला कर दिया।
दर्शन करने के दौरान हुई भगदड़
भगवान जगन्नाथ के दर्शन को लेकर पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ की मुख्य वजह अनियंत्रित भीड़ बनी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रविवार की सुबह तड़के करीब 4 बजे मुख्य जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर के आसपास 1500 श्रद्धालु रथों पर सवार तीनों देवताओं की एक झलक पाने के लिए एकत्र हुए थे। रथ गुंडिचा मंदिर की ओर सरधाबली जैसे ही पहुंचा श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद कई लोग घायल हो गए, लोग एक दूसरे को धक्का देते हुए भाग रहे थे। इसी दौरान तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। बता दें कि पूरी की रथ यात्रा में निकलने वाले रथों को 9 दिन पहले ही खड़ा कर दिया जाता है। ये रथ मौसी के घर गुड़िंचा मंदिर जाते हैं। जिसमें भगवान जगन्नाथ के रथ के अलावा बालभद्र और सुभद्रा का रथ शामिल होता है। घटना तब हुई जब बालभद्र और सुभद्रा का रथ पहले ही पहुंच गया था लेकिन भगवान जगन्नाथ का रथ बाद में पहुंचा। जिससे दर्शन करने को लेकर लोग दौड़ पड़े और भीड़ अनियंत्रित हो गई।
परिजनों ने जताया अपनो के खोने का दुख
पुरी में हुई भगदड़ में अभी तीन लोगों की मौत की खबर है। जबकि 50 से अधिक घायल है। भगदड़ में अपनो के खोने का दुख परिजनों ने बयां किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त पुलिस प्रशासन नहीं था। पत्नी की जान गंवाने वाली पीड़ित व्यक्ति ने आरोप लगाया कि घटना के समय मौके पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई, तो किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, न ही अग्निशमन अधिकारी, न ही बचाव दल और न ही अस्पताल की टीम वहां पहुंची। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मौके पर मौजूद लोग लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े और कुछ ही मिनटों में कई लोग बेहोश हो गए। घटना के बाद वे मदद के लिए सूचना केंद्र पहुंचे। लेकिन वहां से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। हादसे में मारे गए लोगों के नाम बसंती साहू 36 वर्ष, प्रेमकांति महंती 78 वर्ष और प्रभाती दास 52 वर्ष है। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी स्वाधीन कुमार पांडा ने बताया कि भीड़ प्रबंधन अच्छे तरीके से नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अनधिकृत पास वाले कई वाहन मंदिर के पास पहुंच गए थे और इस वजह से अव्यवस्था फैल गई।
शुक्रवार को शुरू हुई थी जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुक्रवार को शुरू हुई थी। वार्षिक यात्रा के दौरान, भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी शुभद्रा की मूर्तियों वाले तीन भव्य स्थों को भक्त जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक खींचते हैं। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि रानी गुंडिचा भगवान की भक्त थीं। प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें हर साल अपने घर आने का वरदान दिया। इसलिए रथयात्रा निकाली जाती है। इसी शुक्रवार को जब रथ यात्रा निकली तो देवी सुभद्रा के रथ के पास में अधिक भीड़ जमा हो गई। इस दौरान गर्मी की वजह से 625 लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद कुछ लोग तो ठीक हो गए जबकि 70 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। आपको बता दें कि भगदड़ मामले में सीएम मोहन चरण माझी ने एक्शन लेते हुए जिलाधिकारी और एसपी को हटाकर दूसरी जगह भेज दिया। वहीं साल 2024 में 10 लाख लोग पुरी पहुंचे थे। जिनमें दो लोगों की मौत हुई थी।