प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन दौरे पर पहुंचे हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) सम्मेलन में भाग लेंगे और इस सम्मेलन के माध्यम से भारत और चीन के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के लिए बहुत अहम मानी जा रही है, खासकर अमेरिका से टैरिफ विवाद के बीच।
चीन पहुंचने पर स्वागत:
पीएम मोदी ने चीन पहुंचते ही तियानजिन में भारतीय संस्कृति का स्वागत किया। वहां उन्हें कथक नृत्य के माध्यम से पारंपरिक भारतीय कला से सम्मानित किया गया। कथक नृत्यांगना डू जुआन ने बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से कथक सीख रही हैं और आज प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में प्रस्तुति देना उनके लिए गर्व की बात है।
भारतीय प्रवासी समुदाय का उत्साह:
चीन में भारतीय प्रवासी समुदाय भी पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार था। मकरांत ठक्कर, जो कि भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य हैं, ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम पीएम मोदी से मिल रहे हैं। हम दोनों देशों के रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए काम कर सकते हैं।”
एससीओ सम्मेलन और अन्य प्रमुख बैठकें:
प्रधानमंत्री मोदी एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। खासकर यह यात्रा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक विवादों के चलते और भी अहम हो जाती है, क्योंकि भारत की भूमिका इस विवाद में मध्यस्थता की हो सकती है।
जापान यात्रा के बाद पीएम मोदी का चीन दौरा:
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान में अपनी दो दिवसीय यात्रा का समापन किया और चीन के लिए रवाना हो गए। जापान में उनके दौरे के दौरान, उन्होंने सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा किया और भारत-जापान सहयोग को और मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। पीएम मोदी ने इस दौरान सोशल मीडिया पर जापान यात्रा के बारे में भी पोस्ट किया और इसे भारत के लिए लाभकारी बताया।
पीएम मोदी की यात्रा की अहमियत:
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और चीन के रिश्तों को एक नई दिशा देने की ओर बढ़ता हुआ कदम है। जहां एक ओर चीन और भारत के बीच व्यापारिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, वहीं दूसरी ओर एससीओ सम्मेलन के माध्यम से दोनों देशों को वैश्विक स्तर पर और सहयोग बढ़ाने का अवसर मिल सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक मौका है, जो रिश्तों को और मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को बढ़ावा देगा। इस दौरे के माध्यम से यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और चीन के रिश्तों में नई ऊर्जा आएगी, जो पूरे क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए अहम हो सकती है।
Also Read This:-कटड़ा त्रासदी: मृतकों के परिजनों का दर्द, शव देख बिलख पड़े परिजन

