बरेली में धर्मांतरण गिरोह का खुलासा: प्रभात की जान पुलिस ने बचाई

Aanchalik Khabre
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धर्मांतरण गिरोह

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक बार फिर छांगुर जैसे कुख्यात धर्मांतरण गिरोह का मामला सामने आया है। इस गिरोह ने शादी का लालच देकर कमजोर और जरूरतमंद लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। इस बार पुलिस ने भुता क्षेत्र के एक मदरसे से एक दृष्टिबाधित युवक प्रभात उपाध्याय को बचाया, जिसे खतना कराने और इस्लाम धर्म में शामिल कराने की कोशिश हो रही थी।

शादी का झांसा देकर धर्मांतरण

एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि गिरोह के सदस्य शादी का लालच देकर खासतौर पर दिव्यांग और कमजोर वर्ग के लोगों को फंसा रहे थे। प्रभात उपाध्याय को भी इसी चक्कर में फंसाया गया। आरोप है कि प्रभात को मदरसे में बंद कर रखा गया था और उसकी जबरन धर्म परिवर्तन की तैयारी चल रही थी। प्रभात का खतना कराने की भी योजना थी, जिसे पुलिस ने समय रहते रोक दिया।

धर्मांतरण गिरोह

गिरोह के सदस्य गिरफ्तार

पुलिस की जांच के बाद अब्दुल मजीद, महमूद बेग, सलमान, आरिफ और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से धर्मांतरण से जुड़े तीन प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड और कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। कोर्ट में पेश करने के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

परिवार के सदस्य भी फंसे गिरोह की जालसाजी में

पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने न केवल प्रभात का धर्मांतरण कराने की कोशिश की, बल्कि ब्रजपाल साहू नामक व्यक्ति को ‘अब्दुल्ला’, उसकी बहन राजकुमारी को ‘आयशा’ और मां ऊषा कुमारी को ‘अमीना’ नाम से धर्म परिवर्तन करा दिया है। इसके अलावा एक किशोर को ड्रग्स का आदि बनाकर उसका भी ब्रेनवॉश किया गया है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ी है।

विदेशी फंडिंग और बड़े कनेक्शन की जांच

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह केवल बरेली तक सीमित नहीं है, बल्कि कई राज्यों में घूम-घूमकर चंदा इकट्ठा करता है और मदरसे चलाता है। आरोपियों के बैंक खातों में भारी ट्रांजेक्शन और विदेशी फंडिंग के संकेत मिले हैं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि पता चल सके कि गिरोह का छांगुर गैंग जैसे कुख्यात गिरोहों से कोई कनेक्शन तो नहीं है।

सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर सवाल

यह मामला समाज में धर्मांतरण की संवेदनशीलता को फिर से उभारता है। जब कोई व्यक्ति अपनी मर्जी के बिना धर्म परिवर्तन करता है, तो यह न केवल उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरा है। ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जागरूकता बेहद जरूरी है ताकि समाज के कमजोर वर्ग सुरक्षित रह सकें।

पुलिस का सतर्क रहना जरूरी

भुता पुलिस की समय पर सक्रियता ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन की तत्परता ही समाज में भरोसा बनाए रखती है। साथ ही, आम लोगों को भी सतर्क रहने और ऐसे अपराधों की सूचना पुलिस को देने की आवश्यकता है।

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