सरकार ने क्यों बढ़ाई यूपीएस में शामिल होने की तारीख? यहाँ जानिए
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय विभाग ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मंत्रालय ने कहा है कि अब केंद्रीय कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस के लिए 30 सितम्बर 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। कर्मचारियों को राहत देते हुए तीन महीने की समय सीमा को बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले यूपीएस चुनने की तय सीमा 30 जून थी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 23 जून को जारी एक प्रेस रिलीज में बताया कि हमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों के पत्र और ई मेल प्राप्त हुए है। जिसमें उन्होंने यूपीएस की समय सीमा को कुछ 6 महीने तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। लेकिन वित्त मंत्रालय ने सिर्फ तीन महीने तक ही समय सीमा बढ़ाना उचित समझा। इसलिए अब कर्मचारी 30 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं।
25 लाख तक की मिलेगी ग्रैच्युटी
केंद्र सरकार ने यूपीएस में सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु पर ग्रैच्युटी का लाभ जोड़कर इसे अपनाने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। नया आदेश किसी कर्मचारी को यह चुनने का विकल्प देता है कि यदि सेवाकाल में ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसे फिर से पुरानी पेंशन योजना (OPS ) के दायरे में ले लिया जाए। यही नहीं, सेवा के दौरान यदि कर्मचारी को अक्षमता या विकलांगता के कारण सरकारी सेवा से हटाया या बर्खास्त किया जाता है तो इस इस स्थिति में भी ओपीएस के तहत लाभमिलने वाले लाभ लागू होंगे। यह आदेश एनपीएस और यूपीएस पेंशनभोगियों के बीच समानता लाता है और वे 25 लाख रुपये की ग्रैच्युटी के लिए भी पात्र होंगे। कार्मिक मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है।
पहले कहां थी समस्या
अभी तक यूपीएस का विकल्प चयन करने के बाद अगर किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु या विकलांगता हो जाती है तो उस स्थिति में कुछ भी स्पष्ट नहीं था। कर्मचारी असमंजस में थे कि उन्हें किस प्रकार की पेंशन या फैमिली पेंशन मिलेगी। कर्मचारी संगठनों ने इस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। अब सरकार ने यूपीएस में सेवाकाल के दौरान मृत्यु या विकलांगता होने के मामले में एनपीएस की तरह ही पुरानी पेंशन का विकल्प जारी कर दिया है। साथ ही ग्रेच्युटी का प्रावधान कर दिया है। विभाग ने एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सेवा-संबंधी मामलों के नियमन के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 2021 को जारी किया था। इसके नियम 10 में एनपीएस में शामिल कर्मचारी सेवा के दौरान मृत्यु या अमान्यता या विकलांगता के आधार पर सेवामुक्ति की स्थित में एनपीएस या ओपीएस के तहत भी लाभ ले सकता है।
UPS से कौन जुड़ सकता है
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यूपीएस में मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रैच्युटी को शामिल करने से कर्मचारियों की सभी गलत फहमियां दूर हो जाएंगी। पहले स्थिति साफ न होने से यूपीएस को लेकर कर्मचारियों का रूझान बहुत फीका था। कर्मचारी इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते थे। यही कारण है कि 30 लाख एनपीएस कर्मियों में से केवल 50 हजार कर्मचारियों ने भी यूपीएस में शामिल होने का विकल्प नहीं दिया था। नए आदेश और इसे चुनने की – अंतिम तिथि बढ़ने से उम्मीद है कि कर्मचारियों का रुझान इस योजना की ओर बढ़ेगा और अधिक संख्या में कर्मचारी अब आवेदन करेंगे।
अब अगर कोई कर्मचारी यूपीएस से जुड़ना चाहता है तो नियमों के मुताबिक 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए वर्तमान कर्मचारी, जिन्होंने राष्ट्रीय. पेंशन योजना (एनपीएस) को चुना है, केवल उन्हें यूपीएस से जुड़ने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही 1 अप्रैल 2025 को और इसके बाद सेवा में शामिल होने वाले नए कर्मचारी इस पेंशन योजना से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा एनपीएस अपनाने वाले जो कर्मचारी अब रिटायर हो चुके हैं। वे भी इसे अपना सकते हैं। वहीं कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने’ या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
UPS और NPS में से एक ही चुन सकेंगे
केंद्र सरकार ने वर्तमान और नए कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस दोनों से से किसी एक को चुनने के विकल्प खुले रखे हैं। नियमों में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनें। या बिना यूपीएस विकल्प के एनपीएस को जारी रखें। एक बार विकल्प चुनने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा एनपीएस अपनाने वाले जो कर्मचारी अब रिटायर हो चुके हैं। वे भी इसे अपना सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों को एनपीएस फंड की राशि का संतुलन करने के बाद पेंशन मिलेगी।
UPS में ये शर्ते भी होंगी लागू
* यूपीएस के जरिए पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा होना जरूरी है।
* कर्मचारियों को एनपीएस की तर्ज पर यहां भी मूल वेतन से 10% का अंशदान करना होगा।
* सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान करेगी। यानी इस योजना में कर्मचारी और सरकार का कुल योगदान 28.5 फीसदी होगा।
* इस योजना में प्रति माह 10,000 रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
* जो कर्मचारी पद से इस्तीफा देते हैं, या सेवा से हटाएं अथवा बर्खास्त किए जाते हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।
* कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 % राशि बतौर पेंशन दी जाएगी।
* अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी।
* मृत्यु के मामले में, परिवार को 60 प्रतिशत रकम फैमिली पेंशन के रूप में दी जाएगी।
यूपीएस में ऐसे शामिल हो सकते हैं कर्मचारी
यूपीएस का लाभ लेने वाला अगर कोई वर्तमान कर्मचारी है तो वो भी इसका लाभ उठा सकते होंगे। अगर कर्मचारी 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल मौजूदा कर्मचारी है और उसने एनपीएस को चुना है तो वे अब यूपीएस को चुन सकते हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म ए2 भरना होगा। ऐसे ही अगर कोई नया कर्मचारी है। जो 1 अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवा में शामिल हुआ है तो वो भी इस विकल्प को चुन सकते हैं। उन्हें फॉर्म ए। भरना होगा। इसके अलावा कोई कर्मचारी रिटायर हो चुका है। और वो एनपीएस से जुड़ा था। वे भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी 2 जमा करना होगा। वहीं अगर किसी भी कर्मचारी की मौत हो गई है तो कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी6 भरना होगा।