सैम पित्रोदा के बयान पर भाजपा vs कांग्रेस: ‘पाकिस्तान प्रेम’ बनाम ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ की नई बहस

Aanchalik Khabre
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सैम पित्रोदा

नई दिल्ली

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ओवरसीज विभाग प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान ने एक बार फिर से सियासी गलियारों में तूफान ला दिया है। पित्रोदा द्वारा पाकिस्तान को ‘घर जैसा’ बताए जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा के अनुसार, कांग्रेस का “पाकिस्तान के प्रति अनवरत प्रेम” ही वह कारण था जिसकी वजह से 26/11 जैसे भीषण आतंकी हमले के बाद भी यूपीए सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।

विवाद की जड़: क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, जो लंबे समय से गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं, ने हाल ही में एक बयान में कहा कि उन्हें पाकिस्तान में “घर जैसा महसूस होता है।” यह बयान उस समय सामने आया जब भारत-पाकिस्तान संबंध अत्यंत संवेदनशील बने हुए हैं। भाजपा ने इस बयान को कांग्रेस की “पाकिस्तान-समर्थक” मानसिकता का प्रमाण बताते हुए एक बड़ा राजनीतिक हमला बोला है।

भाजपा के प्रमुख आरोप: एक सिंहावलोकन

भाजपा प्रवक्ताओं प्रदीप भंडारी और शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों को कई स्तरों पर रखा:

  1. 26/11 हमले के प्रति नरम रुख: भाजपा का मुख्य आरोप है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में कोताही बरती। उनका तर्क है कि कांग्रेस की नीतियों में “पाकिस्तान प्रेम” राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों पर भारी पड़ा।

  2. आतंकवादियों को समर्थन: भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों से यासीन मलिक जैसे लोगों के माध्यम से बातचीत करते रहे हैं।

  3. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का पक्ष: पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 और सिंधु जल समझौते जैसे मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की स्थिति को मजबूत करने का काम किया।

  4. राहुल गांधी से निकटता: भाजपा ने पित्रोदा की राहुल गांधी से निकटता को उजागर करते हुए इसे कांग्रेस की सोच से जोड़ा है। उन्होंने एक पुराने बयान की याद दिलाते हुए कहा कि राहुल गांधी ने भी कथित तौर पर “भारतीय राज्य से लड़ने” की बात कही थी।

गहन विश्लेषण: राजनीतिक प्रतिक्रिया के पीछे की रणनीति

यह विवाद सिर्फ एक बयान से कहीं आगे की बात है। यह दोनों प्रमुख दलों की राजनीतिक और विचारधारात्मक रणनीति को दर्शाता है।

  • भाजपा की रणनीति: भाजपा “राष्ट्रवाद” और “सख्त विदेश नीति” के अपने core agenda को मजबूत करना चाहती है। पाकिस्तान एक संवेदनशील मुद्दा है और उस पर हमला करके भाजपा अपने voter base को consolidate करने का प्रयास कर रही है। यह रणनीति 2019 और 2024 के चुनावों में कारगर साबित हुई है।

  • कांग्रेस की चुनौती: इस समय कांग्रेस की ओर से सार्वजनिक प्रतिक्रिया का अभाव है, जो एक रक्षात्मक रुख दर्शाता है। पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि वह अपनी छवि को “राष्ट्रवादी” साबित करे, जबकि भाजपा लगातार उसे “नरम” और “पाक-समर्थक” घोषित करती रही है।

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