54वां राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह: जब सुरक्षा बनी सर्वोच्च प्राथमिकता!
मैक्स हेल्थ केयर, आहलूवालिया कान्ट्रैक्स और टर्नर इंटरनेशनल की ऐतिहासिक पहल
सुरक्षा एक आदत बने, सिर्फ औपचारिकता नहीं” – विशेषज्ञों का संदेश
निर्माण स्थलों पर सुरक्षा की अहमियत: “एक सेकंड की सावधानी, हादसे से बचाव”
10 मार्च तक जागरूकता अभियान: सेफ्टी ड्रिल, ट्रेनिंग और स्वास्थ्य पर जोर
महिला स्वास्थ्य पर विशेष सत्र: ‘चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो’ अभियान
सुरक्षा की शपथ: “यह सिर्फ़ एक सप्ताह नहीं, एक नई सोच की शुरुआत है!”
“सुरक्षा ही असली सफलता है!” – कार्यस्थल पर सतर्कता की नई लहर
नई दिल्ली | 4 मार्च 2025
सुरक्षा – एक ऐसा शब्द जो अक्सर दस्तावेज़ों में छिपा रह जाता है, लेकिन हकीकत में यह हमारी जिंदगी और भविष्य की सबसे बड़ी गारंटी है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मैक्स हेल्थ केयर हॉस्पिटल, आहलूवालिया कान्ट्रैक्स इंडिया लिमिटेड और टर्नर इंटरनेशनल ने साकेत मैक्स हॉस्पिटल में 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन किया।
यह आयोजन 4 मार्च से 10 मार्च तक चलेगा, जिसमें सुरक्षा के महत्व, कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों और कर्मचारियों की सेहत पर खास ज़ोर दिया जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई, जिसके बाद गणमान्य अतिथियों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों का पुष्पगुच्छ से भव्य स्वागत किया गया। लेकिन यह सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं थी—यह सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाने का पहला कदम था!
जब सेफ्टी बना सबसे बड़ा मुद्दा!
कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों और प्रोजेक्ट लीडर्स ने सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
मैक्स हॉस्पिटल के वाइस प्रेसिडेंट सुरेंद्र कुमार ने कहा,
“सुरक्षा केवल उपकरण पहनने तक सीमित नहीं है, यह एक आदत बननी चाहिए। अगर हम हर दिन इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें, तो दुर्घटनाओं की गुंजाइश ही नहीं बचेगी।”
प्रोजेक्ट इंचार्ज विवेक अरोरा ने इस अभियान को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में सफलता और नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए वर्करों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण ही विकास को गति देता है, जिससे परियोजनाएं समय पर और प्रभावी ढंग से पूरी हो सकती हैं।
आहलूवालिया कान्ट्रैक्स इंडिया लिमिटेड के मैक्स प्रोजेक्ट लीडर अभिषेक मिश्रा ने निर्माण कार्य में सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात करते हुए कहा,
“निर्माण स्थलों पर सावधानी एक सेकंड की देरी से होने वाले हादसे को रोक सकती है। सेफ्टी के मामले में एक भी गलती, एक भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।”
2 मिलियन सेफ मैन ऑवर: एक ऐतिहासिक उपलब्धि!
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि थी टर्नर इंटरनेशनल द्वारा घोषित 2 मिलियन सेफ मैन ऑवर!
मैक्स साकेत प्रोजेक्ट लीडर पवन कुमार ने जब यह ऐतिहासिक घोषणा की कि उनकी टीम ने बिना किसी दुर्घटना के 2 मिलियन सेफ मैन ऑवर पूरे कर लिए हैं, तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा!
उन्होंने कहा,
“यह सिर्फ़ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि हमारी टीम की अनुशासन और मेहनत का परिणाम है।”
लेकिन क्या यह आसान था? बिल्कुल नहीं!
उन्होंने आगे बताया कि 45 मीटर की ऊँचाई पर स्थित MLCP बिल्डिंग का निर्माण एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था।
“हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि निर्माण स्थल के ठीक नीचे सक्रिय हॉस्पिटल चल रहा था। हमें मरीजों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी थी और इसके लिए हर कदम पर सतर्कता बरतनी पड़ी।”
“यह उपलब्धि इस बात का सबूत है कि जब सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है!”
सुरक्षा सप्ताह के दौरान क्या-क्या होगा?
54वें राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के तहत कई महत्वपूर्ण सुरक्षा गतिविधियाँ और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे:
सुरक्षा मॉक ड्रिल – आपातकालीन परिस्थितियों के लिए कर्मचारियों को तैयार किया जाएगा।
सेफ्टी ट्रेनिंग सेशंस – सुरक्षा उपकरणों और उपायों पर विशेष कार्यशालाएँ होंगी।
अवेयरनेस प्रोग्राम – कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए इंटरएक्टिव सेशंस।
हेल्थ एंड हाइजीन सेशन – व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ज़ोर।
सुरक्षा पर क्विज और प्रतियोगिताएँ – सेफ्टी नॉलेज बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव गेम्स।
मैक्स हॉस्पिटल के फायर और सेफ्टी हेड अर्जुन सिंह ने कहा,
“हम सिर्फ़ हेलमेट पहनने और गार्ड रेल लगाने की बात नहीं कर रहे, बल्कि एक ऐसी मानसिकता विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें सुरक्षा एक जीवनशैली बन जाए!”
टर्नर इंटरनेशनल: ‘कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता’
टर्नर इंटरनेशनल के मैनेजर जय कुमार ने इस अवसर पर कहा,
“हम यहाँ पर सिर्फ़ एक सुरक्षा सप्ताह नहीं मना रहे, बल्कि एक ज़रूरी बदलाव की शुरुआत कर रहे हैं।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “हमारी कंपनी के लिए कर्मचारी सिर्फ़ वर्कफोर्स नहीं हैं, बल्कि वे हमारी असली ताकत हैं।”
“उनकी सुरक्षा और भलाई हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, और हम इसे और मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं!”
महिला स्वास्थ्य पर विशेष ज़ोर: ‘चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो’ अभियान!
कार्यक्रम में महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी खास ध्यान दिया गया।
रेज़ इंडिया फाउंडेशन की प्रतिनिधि शिप्रा चौहान ने अपने प्रोजेक्ट “चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो – ये शर्म नहीं, सम्मान है” के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा,
“हम महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर अब चुप्पी नहीं साध सकते। यह समय खुलकर बात करने और जागरूकता फैलाने का है।”
इस अभियान के तहत ‘डिग्निटी किट’ तैयार की गई है, जिसमें माहवारी के दौरान उपयोग की जाने वाली ज़रूरी चीज़ें शामिल हैं।
“हम चाहते हैं कि हर महिला बिना किसी झिझक के अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे!”
सुरक्षा की शपथ और भविष्य की योजनाएँ
कार्यक्रम के अंत में, सभी कर्मचारियों ने सुरक्षा की शपथ ली और यह संकल्प लिया कि वे हर स्तर पर सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे।
“यह केवल एक सप्ताह का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक लंबी यात्रा की शुरुआत है!”
10 मार्च तक चलने वाले इस अभियान में कई और गतिविधियाँ होंगी, जो सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद करेंगी।
कर्मचारियों की भारी संख्या में भागीदारी इस बात का सबूत थी कि सुरक्षा अब केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है!
सुरक्षा ही असली सफलता है!
यह अभियान केवल एक इवेंट नहीं, बल्कि सुरक्षा के प्रति एक नई सोच विकसित करने का प्रयास है।
मैक्स हेल्थ केयर, टर्नर इंटरनेशनल और आहलूवालिया कान्ट्रैक्स ने यह साबित कर दिया है कि यदि हम सतर्कता बरतें, तो हर कार्य को सुरक्षित तरीके से पूरा किया जा सकता है!
क्योंकि असली जीत वही होती है, जो बिना किसी नुकसान के हासिल की जाए!