खनिज अधिनियम में बदलाव के उपरांत रेत माफियाओं में भारी-भरकम आक्रोश मचा हुआ है। जिसके चलते जिले के तथाकथित पत्रकार पत्रकारिता की आड़ में रेत माफियाओं के साथ मिलकर जिले में स्थित पत्रकारों की दलाली कर रहे हैं! आखिर कमीशन के चक्कर में पत्रकारिता के नियमों को दरकिनार कर माफियाओं से मिल पत्रकारों की अलग से लिस्ट बनाकर अपने चुने हुए चुनिंदा पत्रकारों को ठेकेदारों से आओ भगत तक करवा रहे है। जिसमें कुछ दिनों से
अपने आपको पत्रकार बताने वाला युवा रेत माफियाओं से गहरी मित्रता कर जिले के वरिष्ठ पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया एवं वेब पोर्टल के समस्त पत्रकारों को रेत माफियाओं की खबर नहीं निकालने के लिए हर महीने माफियाओं से पत्रकारो को मोटी रकम देने के नाम पर लाखों रुपये वसूल रहा है। एवं वसूली मे सभी प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं साप्ताहिक अखबार के ब्यूरो एवं संपादकों को खबर ना चलाने के लिए दबाव बनाकर समझौता कराने वाला आखिर कौन””?????
“पत्रकार या फिर दलाल”