समाधान के लिए मप्र में शिकायतों का अंबार 100 दिन से लंबित 85 हजार मामले

News Desk
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मनीष गर्ग खबर भोपाल

गेहूं नहीं मिलने की 10 हजार, बिजली बिल की 9 हजार और FIR न करने की 7 हजार शिकायतें
पुलिस विभाग भी
चुनावी साल में जा चुके सत्तारूढ़ दल के लिए लगातार मिल रही जनता की शिकायतें चुनौती बन गई हैं। इस समय 85 हजार 898 ऐसे मामले हैं, जिन्हें 100 दिन में भी समाधान नहीं मिला। सर्वाधिक शिकायतें उन सात बड़े विभागों की हैं, जो जनता से सीधे जुड़ी हैं। इनमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण, ऊर्जा के साथ नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी शामिल हैं।
शिकायतों का ताजा आंकड़ा मंगलवार को लोकसेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने जारी किया। इसमें खास बात यह है कि 14 हजार 610 मामले ऐसे हैं, जिनमें शिकायत को ही एक साल हो गया। अब एक बार फिर समाधान ऑनलाइन मैं एक दिन में इनके निपटारे के प्रयास होंगे।
2957 शिकायतें अवैध भवन निर्माण व नक्शे से जुड़ीं।
14000 ज्यादा मामले ऐसे, जो एक साल से अटके।
4000 से अधिक मामले बंटवारे और नामांतरण से जुड़े।
निर्माण क्वालिटी और राजस्व के मामले
नगरीय विकास एवं आवास में शिकायतें
अवैध कॉलोनी / कब्जे अवैध भवन / भवन निर्माण गलत तरीके से / नवरी को अनधिकृत तरीके से वैध करने की
• पंचायत एवं ग्रामीण विकास में शिकायतें
निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया जाना काम की
क्वालिटी खराब
खाद्य नागरिक आपूर्ति में सबसे अधिक मामले
पात्रता के अनाज गेहूं, चावल न मिलने की 10,737 शिकायतें । गृह एफआईआर न लिखने/देरी से लिखने/ धाराएं सही नहीं होने की 17,387 शिकायतें।
2,957 शिकायतें लोगों | बंटवारे से जुड़े मामलों की द्वारा की गई है।
शिकायते। राजस्व नामांतरण और 4,818 शिकायतें । यह सब आंकड़े सरकार की और से हैं अगर सरकार के पास गेहूं अगर होता तो गरीबों को वितरण करती यह सब नाम चार की घोषणा है की मार्केट में गेहूं खूब उपलब्ध है जबकि हकीकत यह है कि गरीबों को गेहूं खाने को नहीं मिल रहा

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