झुंझुनू।शहर से प्रदेश की राजधानी जयपुर को जाने वाले झुंझुनू जयपुर मार्ग पर हवाई पट्टी सर्किल से कुछ दूरी पर बना लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक फैला यह अस्थाई नाला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।और ऐसा लगने लगा है कि जल्द ही यह अस्थाई नाला आने वाले दिनों में विकराल रूप धारण कर महामारी की मुख्य वजह बन जायेगा।शहर के गंदे पानी की निकासी का समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया तो यह गंदा पानी गांवों तक पहुंच जाएगा।उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के मातहत कर्मचारियों की हठधर्मिता के चलते यह मुख्य मार्ग बहुत समय से विकराल स्थिति का शिकार है।तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन भी पानी निकासी की समस्या को दूर करने के लिए अपने मातहतों को बार-बार अवलोकन कर दिशा निर्देश देते रहे।लेकिन नहीं सुधरे हालात।नवागत जिला कलेक्टर उमरदीन खान को भी अपना पदभार संभाले एक माह हो चुका है लेकिन किसी भी मातहत अधिकारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है,अव्यवस्थित पानी निकासी को लेकर।जहां स्वास्थ्य विभाग लाखों रुपए खर्च करके मात्र यह संदेश देने में लगा हुआ है कि अपने आसपास गंदा पानी इकट्ठा ना होने दें।बीमारियों से घबराएं नहीं सतर्क रहें।यह जमा गंदा पानी आमजन के जीवन के लिए महामारी का रूप ले सकता हैं।साथ ही अफसोस जनक है कि प्रदेश की राजधानी से आने वाले और झुंझुनू से प्रदेश की राजधानी जयपुर जाने वाले आला अधिकारीयों,जनप्रतिनिधियों और सरकार के मंत्रियों को भी मुख्य मार्ग पर यह गंदा जमा पानी का नाला दिखाई नहीं दे रहा है।उससे भी शर्म की बात तो यह है कि वर्षों से कुंडली मारे बैठे उच्च अधिकारियों के मातहत इस कार्य को क्यों नहीं अंजाम देना चाह रहे हैं।
शहर की जनता को कब निजात मिलेगी यक्ष प्रश्न बना हुआ है।वहीं जनप्रतिनिधि शहर की अव्यवस्था पर चुप्पी साधे हुए हैं।नगर परिषद बोर्ड में पक्ष-विपक्ष में भी मौन की स्तिथि बनी हुई है।लेकिन बार-बार प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद भी प्रशासन द्वारा दिए जाते हैं सिर्फ दिशानिर्देश और मातहत उन दिशानिर्देशों को सुनकर कर लेते हैं इतिश्री।क्या प्रशासन दिशा निर्देशों तक ही सीमित रहेगा या अपने मातहत जिन्हें बार-बार निर्देश दिए जा चुके हैं,उनको गंभीरता से ना लेने पर उनके ऊपर कोई सख्त कार्रवाई कर दंडित भी करेगा यह कोतुहल का विषय बना हुआ है। शहर की जनता को नवागत जिला कलेक्टर यू.डी.खान से उम्मीद है कि वह इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देकर उचित समाधान करवाने की दिशा में कुछ नया करेंगे।साथ में जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से शहर की जनता में जो आक्रोश है वह आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों को भारी पड़ सकता है।