झुंझुनू।कौमी एकता की मिसाल नरहड़ दरगाह में हो रही अनियमितताओं को लेकर अधिवक्ता मोहम्मद कुर्बान ने न्यायालय में एक परिवाद पेश कर बताया था,कि दरगाह में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ पानी,स्वच्छ वातावरण,महिला सुरक्षा,मानसिक पीड़ित पुरुष व महिलाओं को बेड़ियों से आजादी दिलाने व मानसिक कमजोर व्यक्तियों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा दरगाह के आसपास अस्थाई दुकानों पर प्रसाद के नाम पर मिलावटी व नकली मिठाइयों की रोकथाम के लिए कारगर कदम स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाने,दरगाह परिसर में अतिक्रमण हटाने के साथ दरगाह के आसपास स्थित धर्मशाला व अन्य जगह मानसिक विक्षिप्त महिलाओं,पुरुषों,बच्चों का तांत्रिक विद्या से इलाज के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया जाता है को लेकर अधिवक्ता ने जनहित के लिए दिनांक 10 जुलाई को प्रकरण संख्या 57/2019 न्यायालय स्थाई लोक अदालत कोर्ट एवं सेशन न्यायालय झुंझुनू में पेस किया।जिस पर न्यायालय ने जिला कलेक्टर झुंझुनू,जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी झुंझुनू व अन्य संबंधित सभी विभागों को न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया जाकर सरकारी संबंधित विभागों से अधिकारियों को न्यायालय में तलब किया गया।जिस पर न्यायालय ने 9 जनवरी को सख्त टिप्पणी करते हुए आदेश दिया कि यह प्रकरण महत्वपूर्ण प्रकृति का होने से सभी पक्ष कारण का उपस्थित होना आवश्यक है। जिस पर न्यायालय द्वारा 19 फरवरी को जिला कलेक्टर झुंझुनू कोआदेशित किया कि वे आगामी पेशी पर दरगाह की वास्तविक मौके की तथ्यात्मक रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें।गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भी मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
इनका कहना है
मैंने न्यायालय में परिवाद पेश किया है नरहड़ दरगाह की गम्भीर समस्याओं को लेकर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करवाया जिस पर न्यायालय ने तथ्यात्मक रिपोर्ट जिला कलेक्टर से मांगी है।