56इंच के सीने का जवाब 56घंटे के शाहीन बाग से-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

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झुंझुनू।गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित न्यू गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।जिसमें लोकतांत्रिक मोर्चा के पदाधिकारी डॉ फायजा मंजूर एस.एफ.आई. की अध्यक्ष पूजा नायक,एस.एफ.आई.की संयुक्त सचिव चुंकी नायक,नुजहत खातून, जाहिरा खान,साहिन सिद्दीकी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 16 फरवरी रविवार को सुबह 11 बजे कर्बला मैदान रोडवेज डिपो के पास झुंझुनू में नागरिकता संशोधन कानून को निरस्त करवाने,एनआरसी एनपीआर पर रोक लगाने की मांगों को लेकर धरना पड़ाव होगा।

WhatsApp Image 2020 02 13 at 6.38.31 PMदेश में बेरोजगारी महंगाई मंदी और आर्थिक संकट बेहद चिंताजनक स्थिति में है केंद्र की भाजपा सरकार देश की आम समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून लाई है तथा एनआरसी,एनपीआर करना चाहती है नागरिकता संशोधन कानून भारतीय संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है भारतीय संविधान में सभी को समानता का मूल अधिकार दिया गया है लेकिन सीएए धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है जो असंवैधानिक है।संविधान में आम जनता के लिए मौलिक अधिकारों का नीति निर्देश तत्व के आधार पर जो दिशा तय की गई थी उसके विपरीत दिशा में ले जाया जा रहा है,सरकार द्वारा बिना बहस आनन-फानन में पारित कराया गया कानून है इसके बाद एनआरसी की बात की जा रही है।उसमें एक ऐसा रजिस्टर बनाया जाना है जिसमें 10 लोग ही देश के नागरिक रहे जाएंगे उनके अलावा जितने भी लोग होंगे उनके नागरिकता के अधिकार छीन लिए जाएंगे।उन्हें कैंपो में अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा।नागरिकता के लिए देश के लोगों से प्रमाण पत्र मांगा जाएगा जिसे जूटाना हर देशवासियों के लिए मुश्किल होगा,असल में इस प्रकार की गणना में लगभग 19 लाख लोग लपेटे में आ चुके हैं।भारतीय नागरिकता कानून 1955 में पहले यह व्यवस्था की है की आवेदन करने पर सरकार नागरिकता प्रदान कर सकती है तो नए कानून को लाने की आवश्यकता क्या है।चीन,श्रीलंका,बर्मा आदि देशों में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोग यदि भारत में आते हैं तो उन्हें नागरिकता क्यों नहीं प्रदान की जाएगी।यह कानून भारतीय संविधान होने तथा भेदभाव पैदा करने के कारण देश संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए इंकलाबी संघर्ष का आह्वान करते है। इस अवसर पर लोकतांत्रिक मोर्चा के इब्राहिम खान एम.डी.चोपदार,एडवोकेट फूलचंद बरबड़,जुबेर खोखर,अली हसन बाबू भाई,ईमरान राईन मंडेलिया,मौलाना शेर मोहम्मद,ईमरान खोखर,जावेद राईन,इसाक भाटी इरशाद दरगाह,अब्दुला अगवान, पार्षद,युनुस अली पार्षद,साजिद हुसैन पार्षद, महमूद कबाड़ी पार्षद,मुराद अली पार्षद,भवर अली गहलोत पार्षद,मोहमद अली खोखर, यूनस मास्टर इम्तियाज तगाला,इकराम पार्षद, नानु तेली,मुफ्ती इमरान अहमद,तहसीन कुरैशी,यूनस मास्टर,आदिल राईन सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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