नेता जी ने सपा शासन काल मे किया तालाब की भींट पर कब्जा और भाजपा शासनकाल मे एण्टी भूमाफिया अभियान को ठेंगा दिखाकर बनाया पक्का मकान। शुभलाभ के चलते पालिका प्रशासन सहित राजस्व विभाग भी औपचारिकताये निभाकर बन जाता है चिकना घडा।
मौदहा हमीरपुर। प्रदेश सरकार जहां एक तरफ एण्टी भू -ंउचयमाफिया अभियान का डंका पीट रही है वही दूसरी तरफ नगर के तालाबो मे भू माफियाओ पर राजस्व विभाग और नगरपालिका की विशेष कृपा बरस रही है। प्रशासन व्यस्त है और भू माफिया मस्त है। कस्बे के लगभग सभी तालाब पहले से ही अतिक्रमण की चपेट मे थे किन्तु कुछ नगर पालिका प्रशासन और राजस्व विभाग की अनदेखी अथवा संंिलप्तता के चलते सिकुडते तालाबो की सूरत बदलती जा रही है। लचर प्रशासन और मिली भगत के चलते भू माफियाओ द्वारा तालाबो की भूमि पर अवैध कब्जे किये जा रहे है।
आज बात करते है नगर के ऐतीहासिक मीरा तालाब की , जो नगर के पश्चिमी इलाके मे बडा और एतिहासिक तालाब है। हिन्दु-ंउचय मुस्लिम की सा-हजयी विरासत इस मीरा तालाब के पूर्वी घाट पर नगर का प्राचीन कंश वध मेले का आयोजन होता है। जिसमे भगवान कृष्ण के जल विहार और नागनाथ की लीला व बकाशुर का वध होता है । हजारो की भीड उमडती है और वहीं बगल मे मुस्लिम समाज की बडी ईदगाह भी है जिसमे हजारो मुस्लिम ईद-ंउचयबकरीद की नमाज प-सजयते है तथा मुहर्रम के मौके पर यहां ताजिये ठण्डे किये जाते है। इस तालाब पर अब से करीब 80 वर्ष पहले महोबा के ग्राम द-सजयत से दो -ंउचय तीन परिवार भीतों पर -छोपडी डालकर रहने के साथ ही यहां मेहनत मजदूरी करने लगे । उस समय तालाब कमल के फूलों से सजा रहता था।जिसकी शोभा देखते ही बनती थी। किन्तु इस परिवार ने कमल के फलों को तोडकर बेचने के साथ मछली आदि के पालन को अपने जीवन यापन का जरिया बना लिया। समय के साथ सिंघाडे की बेल डालकर कारोबार किया जाने लगा जो अभी भी कमाई का जरीया बना है। इन्ही कब्जे धारको मे से एक शातिर दिमाग के -सजयीमर
ने कागजो की बाजीगरी तथा चकबन्दी अधिकारियों की साठगाठ कर आधे से अधिक तालाब की भींटे के नम्बर 10 और 11 पर कब्जा करके मनमाने -सजयंग से भींटो को बेचा और अब उसका लडका फर्जी बैनामा तथा अन्य प्रकार से गांटा संख्या 10 और 11 के पूरे भींटे मे कब्जा करवा रहा है।इतना ही नही अब सपा नेता भी यहां के बडे हिस्से मे काबिज होकर पक्का र्निमाण कराने मे सफलता हासिल कर रहे है।, बताया गया कि सपा शासनकाल मे तालाब की भींट पर कब्जा कर पहले तो कच्चा मकान बनवा लिया और फिर भाजपा शासन कच्चे मकान को पक्का करवा लिया। अवैध कब्जा धारक सपा नेता की पैठाईश नगर पालिका कार्यलय मे होने के कारण नगर प्रशासन भी कोई ठोस कार्यवाही नही कर रहा है। इतना ही नहीं इसी भीट के नम्बर 11 पर तीन चार बडे बडे शोरूम भी बना लिये गये तथा तालाब से ही सटे ग्राम समाज की भूमि गाटा सख्या 218 पर कब्जा कर खेती कराई जा रही है। जिसपर वर्तमान समय मे फसल भी लहलहा रही है। पिछली बार लोगो की शिकायत पर तत्कालीन लेखपाल रामचरन साहू ने अधिकारियो के आदेश पर खडी फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था। लेकिन वर्तमान लेखपाल की महती कृपा के चलते कब्जो का दौर जारी है। ज्ञात हो कि बरसात मे जब तालाब पूरा भर जाता है। तब इसका पानी पश्चिमी छोर से निकाल दिया जाता है और मीरा तालाब के भराव स्थल को खाली कर उसमे खेती की जा रही है। यहां तक की तालाब से सटी ग्राम समाज की भूमि भी बेचने के लिये अमादा है। जिसके लिये भू माफिया मण्डराने लगे है। लोगो की शिकायतो के बाद नाप का नाटक दिखाकर राजस्व विभाग चुप बैठ जाता है और शुभ लाभ हो जाने के कारण कोई बडी कार्यवाही करने से कतराता है। वहीं बल्ला -सजयीमर के लडको ने लगभग 75 प्रतिशत तालाब के भूभाग पर कब्जा कर लिया और वहां बल्ला -सजयीमर की फसल लहलहा रही है। अब राजस्व और नगर प्रशासन की ओर से किसी ओर की कार्यवाही न होने से नगर के आम नागरिक स्तब्ध है। बताया जाता है कि नगर पालिका कार्यलय से सम्पत्ति रजिस्टर ही गायब है। अब ऐसे मे एण्टी भू माफिया अभियान करे भी तो क्या…