भारत ही संस्कार और संस्कृति की भूमि: आचार्यश्री विद्यासागर जी-आँचलिक ख़बरें-अनिल उपाध्याय

Aanchalik Khabre
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भारत ही संस्कार और संस्कृति की भूमि: आचार्यश्री विद्यासागर जी

संतो के आशीर्वाद से हमारी संस्कृति, धर्म और भारत सुरक्षित: सुरेश सोनी
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अनिल उपाध्याय
खातेगांव

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी गुरुवार को जैन तीर्थ सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में विराजित राष्ट्रीय संत आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के दर्शनार्थ पहुंचे। सोनी ने आचार्यश्री जी को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनों के मध्य राष्ट्रहित, जनहित, हिंदी, खादी, हथकरघा एवं भारतीय संस्कृति सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर लगभग डेढ़ घण्टे तक चर्चा हुई। जैन समाज के प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी व पुनीत जैन ने बताया कि चर्चा के दौरान आचार्य श्री ने कहा कि विदेशी शिक्षा और विदेशी भाषा के कारण संस्कृति और संस्कार दोनों ही दूर होते जा रहे हैं। इस आधुनिक युग में सर्वाधिक पतन नैतिक शिक्षा का हुआ है।

पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करने से हम अपनी संस्कृति और संस्कार को भूल रहे हैं। भारत ही ऐसी जगह है जहां संस्कृति और संस्कार दोनों मिलते हैं। हमें अपनी भारतीयता और अपनी संस्कृति का गौरव होना चाहिए। विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां अपनी भूमि-अपनी मिट्टी को मातृभूमि कहा जाता है और मां की तरह पूजा जाता है। हम जिस प्रकार मातृभूमि से स्नेह करते हैं उसी प्रकार हमें मातृभाषा से भी लगाव होना चाहिए। हमारी मातृभाषा हिंदी है आज भारत देश में लगभग 70 प्रतिशत से अधिक स्थानों पर हिंदी बोली जाती है।WhatsApp Image 2021 03 12 at 4.32.36 PM

अंग्रेजी या किसी अन्य विदेशी भाषा का विरोध नहीं है, लेकिन प्राथमिकता हिंदी ही होना चाहिए। आचार्य श्री जी ने कहा कि हथकरघा और खादी हमारे देश की प्रमुख पहचान है। आज भारत को इंंडिया छोड़, पुनः भारत की ओर लौटना होगा। हमारी मूल पहचान ही भारतीयता के नाते है।

इस अवसर पर सुरेश सोनी ने कहा कि ऐसे ही संतों के मार्गदर्शन से भारत, भारत है। इन्हीं संतो के आशीर्वाद से हमारी संस्कृति, धर्म और भारत सुरक्षित है। आचार्य श्री से जो मार्गदर्शन मिला है उस पर अमल जरूरी है। भारत बने भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए सामूहिक जागरण जरूरी है। इस अवसर पर सुरेश सोनी को राष्ट्रीय स्तर पर हथकरघा संचालन समिति के प्रमुख ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बनारस जेल के कैदियों द्वारा निर्मित वस्त्र तोलिया और कुर्ता भेंट किए। ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय मैक्स, कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेशचंद काला, राजीव काटनेरा, जिनेश काला ने आचार्यश्री का चित्र, मूकमाटी एवं अन्य साहित्य भेंट किए। इसके साथ ही सोनी ने पत्थरों से बन रहे भव्य त्रिकाल चौबीसी, पंचबालयती, सहस्त्रकूट जिनालय और संत निवास का बारीकी से अवलोकन भी किया।

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