वर्धा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में स्थापित सामाजिक नीति अनुसंधान प्रकोष्ठ की प्रथम बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि समाज के लिए सरकारी सामाजिक नीतियों की जानकारी होना अति आवश्यक है। सभी सामाजिक नीतियों का सामाजिक स्तर पर अनुसंधान हों इस दृष्टि से विश्वविद्यालय महत्त्वपूर्ण योगदान देगा। सभी नीतिगत विकास योजनाओं का सामाजिक स्तर पर क्रियान्वयन एवं लाभार्थियों के अनुभव के आधार पर अनुसंधान करना इस प्रकोष्ठ का प्रमुख कार्य होगा। इसके लिए सामाजिक संगठनों से सहयोग लेकर समाज को अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ के द्वारा तैयार रिपोर्ट विभिन्न मंत्रालयों को प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रकोष्ठ अन्य विश्वविद्यालयों के लिए आदर्श स्थापित करेगा और विश्वविद्यालय के सामाजिक संपर्क को और विस्तार देगा।
बैठक का आयोजन सोमवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विद्या भवन के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में किया गया। प्रकोष्ठ के संयोजक महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. के.बालराजु ने पी.पी.टी के माध्यम से प्रकोष्ठ की रूपरेखा, उद्देश्य तथा लक्ष्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक नीति अनुसंधान प्रकोष्ठ की स्थापना भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों पर अनुसंधान करने तथा विभिन्न स्तरों पर आवश्यक नीतिगत परिवर्तनों के लिए एवं नीतियों के प्रभाव एवं त्वरित मूल्यांकन करने के लिए की गई है। यह प्रकोष्ठ समय-समय पर सामाजिक कार्यों के अनुसंधान के संदर्भ में अपनी शोध रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस अवसर पर महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने सामाजिक कार्यों के आधार पर नीतिगत लाभ के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत किए।
बैठक में प्रकोष्ठ के सदस्य विश्वविद्यालय के सूचना एवं भाषा अभियांत्रिकी केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. आम्रपाल शेंदरे, संस्कृत विभाग के डॉ. प्रदीप, अनुवाद अध्ययन विभाग के डॉ. श्रीनिकेत मिश्र, मानवविज्ञान विभाग के डॉ. नीशीथ राय, समाजविज्ञान विभाग के डॉ. वरुण उपाध्याय, शिक्षा विभाग की डॉ. शिल्पी कुमारी, डॉ. हरीश पाण्डेय, डॉ. चन्द्रशेखर पाण्डेय सहित मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपा शंकर चौबे तथा संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. मिथिलेश तिवारी ने किया।