जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी- बाबू सिंह कुशवाहा-आँचलिक ख़बरें-महताब आलम

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जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी- बाबू सिंह कुशवाहा

मैँ रहा हूँ राजा का चमचा- बाबू सिंह कुशवाहा

जन अधिकार के लिए लड़ना जरूरी- बाबू सिंह कुशवाहा

ओमप्रकाश राजभर छोड़कर चले गए, मुझे इसपर कुछ नहीं कहना- बाबू सिंह कुशवाहा

गाजीपुर। ओमप्रकाश राजभर से रहें जुड़ा होने के बाद आज जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा आज गाज़ीपुर के लंका मैदान में पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक भाईचारा सम्मेलन में जनसभा को संबोधित किए, उन्होंने मंच से सरकार पर हमलावर रुख करते हुए कहा कि दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज आजादी के बाद से ही संविधान में निहित अधिकारों से वंचित रहा। 90 फीसदी समाज शिक्षा के अभाव में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होने से अपनी लड़ाई नही लड़ पाया। आज उस शोषित, वंचित समाज की हिस्सेदारी, भागीदारी के लिए संगठित हो कर 2022 में विधान सभा चुनाव में लड़ाई लड़नी होगी।

वहीं उन्होंने जनसभा को वोट के अधिकार पर समझाते हुए मंच से अपने को चमचा कहते हुए बड़े राजनेताओं पर चुटकी ले ली और जनता से खूब ताली बटोरी। वहीं उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव अभियान की शुरूआत गाजीपुर की धरती लंका मैदान से किया जा रहा है। जन अधिकार पार्टी का नारा है “जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी” व “गरीब हो या धनवान सबको शिक्षा एक समान” के नारे के साथ नयी कृषि नीति (03 काले कानून) जो किसानों के हित में नहीं है, उसे हम उत्तर प्रदेश में लागू नही होने देगें तथा किसानों के लिए सरकार द्वारा विशेष व्यवस्था लागू किये जाने के साथ किसानों के फसलों का दाम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक करके कृषि को व्यापार की कटेगरी में लाकर 70 प्रतिशत किसानों को खुशहाल बनाकर देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लाभ में बदलना तथा गरीब मजदूर शोषित, वंचित समाज को विकास की मुख्य धारा में लाना पार्टी का मुख्य एजेण्डा है। वहीं पुराने साथी रहे ओमप्रकाश राजभर के साथ छोड़ जाने पर उन्होंने कहा कि उनका विकजर हमसे जरूर मिलता था लेकिन वो छोड़ के चले गए, जरूर कुछ उन्हें अच्छा लगा होगा इसपर मुझे कुछ नहीं कहना, उन्होंने शिवपाल यादव और ओवैसी से साथ पर साफ कहा कि अभी उनसे इस विषय पर बात नहीं हुई है लेकिन जल्द ही कुछ छोटे और बड़े दलों से बात होनी है और एक अच्छा विकल्प बनेगा जिसमें हम अकेले भी लड़ेंगे तो सीट जीतेंगे।

 

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