2004 तक के सभी नियुक्त संविदा शिक्षक पुरानी पेंशन के पात्र हैं-आंचलिक ख़बरें-के के शर्मा

News Desk
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शिक्षाकर्मी संविदा शिक्षक की नियुक्ति पदेन सहायक संचालक शिक्षा के माध्यम से हुई थी इस कारण 2004 तक के सभी नियुक्त संविदा शिक्षक पुरानी पेंशन के पात्र हैं– बाल गोविंद द्विवेदी

भितरवार–मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग गजट नोटिफिकेशन 1997 /98 एबं 2001 के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के विद्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग के मूल पदों के विरुद्ध शिक्षा कर्मियों एवं संविदा शिक्षकों की “सीधी- भर्ती” से नियुक्ति की गई थी क्योंकि यह नियुक्ति 2004 से पहले की थी स्कूल शिक्षा विभाग राज्य सरकार का विभाग है उसके द्वारा दिए गए आदेश के बाद किसी अन्य व्यक्ति अर्थात मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं आयुक्त नगर निगम (पदेन अपर संचालक लोक शिक्षण स्कूल शिक्षा विभाग के व्यक्ति)को प्रभार देकर भर्ती करा लेना एक तरीका हो सकता है परंतु मूल भर्ती तो उसी की कहलायेगी जिसने भर्ती करने का आदेश दिया गया है मध्यप्रदेश शासन के राज् पत्र दिनांक 11/8/2001 एवं मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक यफ-1-20-1/2001 भोपाल दिनांक 11/8/2001 के परिभाषा में एवं सामान्य प्रशासन समिति के प्रस्ताव दिनांक 13/8/2001 के द्वारा जनपद पंचायत के क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक शाला/माध्यमिक शाला/हाई स्कूल में संविदा शाला शिक्षक के पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से पी-02 एवं पी-03 के वर्णित संविधान के आधार पर की जाती है प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद द्विवेदी ने बताया कि सन 1997 से 2004 तक के बीच नियुक्त शिक्षा गारंटी शाला के गुरु जी शिक्षाकर्मी संविदा शिक्षक स्वयमेव पुरानी पेंशन के पात्र हैं परंतु सरकार के द्वारा उन्हें भी अपात्र कर दिया गया है आखिर ऐसा क्यों प्रश्न यहां पर खड़ा होता है की तत्कालीन सरकार ने जनवरी 2005 से पुरानी पेंशन बंद की थी परंतु शिक्षा विभाग में तो सभी नियुक्तियां 2004 में हो चुकी थी और सीधी भर्ती के माध्यम से पदेन सहायक संचालक शिक्षा के माध्यम से भर्ती होकर प्राथमिक विद्यालय माध्यमिक विद्यालय और हाई स्कूल में पदस्थापना के आदेश जारी हुए और जारी आदेश के तहत सभी ने अपनी सेवाएं दी और लगन निष्ठा ईमानदारी के साथ आज भी सेवा कर रहे हैं परंतु उनकी दूसरी नियुक्ति अध्यापक संवर्ग में अप्रैल 2007में पुनः कर दी गई और जब जनवरी 2016 में छठवें वेतनमान की गणना होती है तो उनकी वरिष्ठता को अप्रैल 2007 से माना जाता है मजे की बात यहां भी एक निकल कर आती है कि जब कोई कर्मचारी किसी संस्था में 6 माह से ऊपर कार्य कर लेता है तो उसकी सेवा पूर्णकालिक वर्ष 1 वर्ष में गिनी जाती है परंतु जनवरी 2016 में उसी कर्मचारी की सेवाएं 8 वर्ष 9 माह 8 वर्ष 11 माह करके पूर्णकालिक वर्ष केवल 8 मार्च लिया गया 11 मई की सेवा को शून्य घोषित कर दिया गया सीधा एक वेतन वृद्धि का नुकसान होता है इसके बाद जब नए शिक्षा विभाग के कैडर में जुलाई 2018 में वही कर्मचारी आता है तो उसकी यहां पर तीसरी नियुक्ति मानी जाती है एक ही विभाग में एक कर्मचारी की यह तीसरी नियुक्ति कहलाती है और नए शिक्षा विभाग के कैडर में उसे नई नियुक्ति जुलाई 2018 से माना जाता है पूर्व की वरिष्ठता को शून्य कर दिया जाता है जबकि गजट नोटिफिकेशन जो राज्यपाल से प्रमाणित रहता है उसमें ऐसा कहीं कोई उल्लेख नहीं है कि आप की वरिष्ठता शून्य घोषित की जाएगी परंतु समस्त वरिष्ठता को शून्य घोषित करके जुलाई 2018 से नई नियुक्ति मानी जाती है
परिवार पेंशन अधिनियम 1972 के आधार पर जिस कर्मचारी की सेवा पूर्ण 20 वर्ष हो वही पुरानी पेंशन का पात्र माना जाता है अब वही कर्मचारी बड़ी हताशा में पड़ा हुआ है कि मेरे तो 20 वर्ष हो चुके हैं मैं पुरानी पेंशन का पात्र क्यों नहीं हूं लेकिन सरकार के आदेश अनुसार आप की नई नियुक्ति जुलाई 2018 से हुई है जो गलत है प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद द्विवेदी ने बताया कि आज 2006 के बाद नियुक्त समस्त संविदा शिक्षक क्रमोन्नति और पदोन्नति के लिए भटक रहे हैं फाइलें कार्यालयों में दौड़ रही हैं पर उसका नतीजा कुछ नहीं निकल रहा 1997 का शिक्षा गारंटी शाला का गुरुजी जिसकी नियुक्ति सरपंच के हस्ताक्षर से नहीं हुई है उसकी भी नियुक्ति जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा हुई है उसकी भी नियुक्ति को अवैध घोषित किया गया और क्रमोन्नति और पदोन्नति आज दिनांक तक किसी भी तरह का कोई लाभ शिक्षा गारंटी शाला के गुरु जी को प्राप्त नहीं हुआ है
प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद द्विवेदी ने सरकार की मनसा को जानने का प्रयास किया दो बार माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी से मुलाकात करके ज्ञापन पत्र दिया गया चर्चा की गई आश्वासन मिलता है परंतु कार्य में तेजी नहीं आ रही है पुरानी पेंशन प्रत्येक कर्मचारी का नैतिक और संवैधानिक हक और अधिकार है क्योंकि यह 62 वर्ष का प्रतिफल है 40 वर्ष हम सरकार की लगन निष्ठा ईमानदारी पूर्वक सेवा करते हैं और इसके बाद जब हम सेवानिवृत्त होते हैं तो सेवानिवृत्त के दौरान मात्र हमें 1000 से 15 सो रुपए के बीच राशि प्राप्त होती है जो शेयर मार्केट के आधार पर निर्धारित रहती है समस्त विभाग के कर्मचारी इसका एकजुटता के साथ जब तक विरोध नहीं करेंगे जब तक एक नहीं होंगे एक मंच पर नहीं आएंगे तब तक कुछ होने वाला नहीं है महासंघ के द्वारा अभी समस्त प्रदेश अध्यक्षों को आमंत्रित करके केवल एक ही बात कही गई कि आप लोग अपने संगठन के मुखिया हैं और रहिए पर पुरानी पेंशन बहाली के नाम पर राजनीति करने वालों से दूरी बनाइए कुछ लोग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर के एक राजनीति का अखाड़ा बना लिए हैं इस अखाड़े को हमें सबको उखाड़ फेंकना है क्योंकि यह छठवां वेतनमान सातवां वेतनमान नहीं है यह एक वृद्धावस्था की रोटी है और रोटी पर कोई राजनीति करेगा उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद द्विवेदी ने समस्त विभाग के कर्मचारी जो पेंशन विहीन हैं एक मंच पर आकर माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी से मुलाकात करके चर्चा करके और उनके सम्मान समारोह आयोजित करके अपनी बात को कह सकते हैं और निश्चित बात है कि हम सफल होंगे सफलता प्राप्त होगी पर जब तक हम एक नहीं होंगे सफलता प्राप्त नहीं होगी सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन आंदोलन ना करके यदि अपनी बात हम सीधे मुख्यमंत्री से कहें चर्चा करें तो निश्चित बात है कि सार्थक परिणाम निकल सकता है जिस संगठन को नेता बनना होता है वही धरना प्रदर्शन आंदोलन इत्यादि करते हैं अपने महासंघ में कोई ऐसा व्यक्ति ही नहीं है जिसे नेता बनने की महत्वाकांक्षा हो इसलिए सभी लोग एक होकर के मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी प्रत्येक समस्याओं के निराकरण के लिए एकता की आवश्यकता है यदि एक हो गए तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी

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