सेटेलाइट और विमान से मिली इमेज का सत्यापन करने प्रदेश में पहली बार ड्रोन सर्वे शुरू। पायलट प्रोजेक्ट में लिए गए सतना जिले के अमरपाटन के 12 गांव। अभी तक सेटेलाइट या विमान से मिली इमेजो के आधार पर ही गांव की सीमा और भू-नक्शे बनाये जाते रहे हैं। माना जाता है कि सेंसर की ऊंचाई और कोण के चलते हवाई इमेज में ज्यामितीय विकृति आ सकती है। मसलन 30 डिग्री का कोण 600 मीटर तक का विस्थापन दिखा सकता है। इसी का सत्यापन ड्रोन कैमरे से किया जा रहा है। शुरू
सेटेलाइट और विमान से मिली इमेज का सत्यापन करने प्रदेश में पहली बार 📡SB सेटेलाइट और विमान से मिली इमेज का सत्यापन करने प्रदेश में पहली बार ड्रोन सर्वे शुरू। पायलट प्रोजेक्ट में लिए गए सतना जिले के अमरपाटन के 12 गांव। अभी तक सेटेलाइट या विमान से मिली इमेजो के आधार पर ही गांव की सीमा और भू-नक्शे बनाये जाते रहे हैं। माना जाता है कि सेंसर की ऊंचाई और कोण के चलते हवाई इमेज में ज्यामितीय विकृति आ सकती है। मसलन 30 डिग्री का कोण 600 मीटर तक का विस्थापन दिखा सकता है। इसी का सत्यापन ड्रोन कैमरे से किया जा रहा है। सर्वे शुरू। पायलट प्रोजेक्ट में लिए गए सतना जिले के अमरपाटन के 12 गांव। अभी तक सेटेलाइट या विमान से मिली इमेजो के आधार पर ही गांव की सीमा और भू-नक्शे बनाये जाते रहे हैं। माना जाता है कि सेंसर की ऊंचाई और कोण के चलते हवाई इमेज में ज्यामितीय विकृति आ सकती है। मसलन 30 डिग्री का कोण 600 मीटर तक का विस्थापन दिखा सकता है। इसी का सत्यापन ड्रोन कैमरे से किया जा रहा है।