संजय सोनी –झुंझुनू। इस बार सावन के महीने में कई संयोग बन रहे हैं। इस बार सोमवार को नागपंचमी भी रहेगी जिसका विशेष महत्व है। सावन के दौरान दो सोम प्रदोष रहेंगे। सालों बाद हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग रहेगा। बरसों बाद स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक ही दिन रहेगा। सावन मास प्रारंभ होने के पूर्व 16 जुलाई को खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में रक्षाबंधन त्योहार मनाया जाएगा। 19 साल पहले वर्ष 2000 में ऐसा योग बना था। इस बार सावन का शुभारंभ 17 जुलाई से हो रहा है। इस दिन वज्र और विष कुंभ है।
इस बार 30 दिन का सावन है, जिसमें चार सोमवार आएंगे। तीसरे सोमवार को त्रियोग संयोग विशेष फलदायी होगा। सावन प्रारंभ होने के पूर्व 16 व 17 जुलाई की रात खंडग्रास चंद्रग्रहण का योग है। यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई को दोपहर 4.37 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण का स्पर्श 16 जुलाई की रात्रि 1.37 बजे होगा। ग्रहण मध्यकाल 3.5 मिनट व ग्रहण का मोक्ष 4.32 मिनट पर होगा।
पंडित रोहित पुजारी ने बताया कि यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व धनु राशि में होगा। ग्रहण धनु व मकर दो राशियों में हो रहा है। इस बार सावन में नाग पंचमी 5 अगस्त सोमवार को होकर विशेष योग लेकर आ रही है। इससे पहले सावन में सोमवार को नागपंचमी का संयोग 16 अगस्त 1999 में बना था।