चित्रकूट में चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

News Desk
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स्थानीय निवासी बोले- घोषणा पत्र में यहां के विकास पर नहीं बात

शबरी और राम की कहानी सुना कर बस छला जा रहा

चित्रकूट। पांचवें चरण के मतदान के लिए तलवारें भाजने का काम विभिन्न पार्टियों के बड़े नेता करने वाले हैं। योगी, ओवैशी, अखिलेश आदि के आने की पूर्व सूचनाएं जारी हो गई हैं। इस समय देश में चुनाव का मुख्य मुद्दा हिंदू बनाम मुस्लिम, हिंदुस्तान बनाम पाकिस्तान, हिजाब बनाम घूंघट चल रहा है। बीच-बीच में 10 मार्च के बाद गर्मी, सर्दी, बुलडोजर आदि बातें भी सामने आ रही हैं। वैसे यह प्रदेश में दूसरा विधानसभा चुनाव है, जहां पर प्रत्याशी तो एक खिलौना है, नमूना है।वास्तविकता में चुनाव मोदी, योगी, अखिलेश, मायावती, प्रियंका, ओवैशी और जयंत जैसे नेता लड़ रहे हैं। स्थानीय प्रत्याशियों की जेब फ़टी जा रही है। मुंह का जायका बुरा है, लेकिन किसी के पास स्थानीय मुद्दों के लिए न तो समय है और न वे इस मुद्दे पर बोलना चाहते हैं।
चित्रकूट जिले के मतदाता क्या वास्तव में अपना विकास चाहते हैं, तो केवल इसका निदान एक ही है और वह है यूपी और एमपी की सीमा में फंसा चित्रकूट का विकास लटका हुआ है। वैसे सीएम योगी ने चुनाव के ऐन पहले यूपी के हिस्से को एमपी के वाहनों के लिए फ्री जोन बनाया, लेकिन अभी यह बहुत छोटी बात है।जिले के निवासी गुंजन मिश्रा ने कहा, आज तक किसी भी प्रत्याशी ने चित्रकूट को केंद्र शासित प्रदेश बनवाने के लिए विधानसभा या संसद में आवाज नहीं उठाई। अगर आप चाहते हैं कि 84 कोस परिक्षेत्र में फैले चित्रकूटधाम का समुचित विकास हो तो मैं कहना चाहता हूं, अपने दरवाजे आने वाले प्रत्येक प्रत्याशी से चित्रकूट को केंद्र शासित प्रदेश बनवाने के लिए उसकी भूमिका के लिए कागज पर लिखवाकर वचन पत्र लीजिए। तभी चित्रकूट का वास्तविक विकास होगा। वरना सदियों से तो हम शबरी और राम की कहानी सुनकर छलते आए हैं। आगे भी छले जाते रहेंगे।

 

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