भारतीय संस्कृति भावों , रीति रिवाज , उच्च मानवीय मूल्य, इतिहास, साहित्य के असीम रत्नालय से परिपूर्ण है।इसी दुर्लभ ख़ज़ाने से साहित्य एवम भावों के साथ मातृत्व का अनूठा सम्मिलन लेकर प्रस्तुत हुई बिहार बेतिया के नामचीन साहित्यकार स्व.विमल राजस्थानी की सुपौत्री व्यंजना आनंद ‘मिथ्या’।
दि ग्राम टुडे के प्रभारी संपादक आ. शिवपूजन सोमदत्त पांडेय जी के मुख्य आतिथ्य एवम बिलासा छंद महालय के संस्थापक छन्दाचार्य आ. रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी, दैनिक भास्कर संपादक आ. कृष्णकांत जी, बेतिया प्रभात खबर के संपादक आ. अवध किशोर जी, ग्राम टुडे के संपादक आ. सुभाष पांडे जी, समीक्षक आ. महेश जैन, ‘ज्योति’, आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत जी , मीरा सिंह जी, विनीत सिंह जी , चंदन केसरवानी जी , पूनम जी , सुषमा जी ,सुजाता जी और भी अन्य के अति विशिष्ट आतिथ्य एवम गौरवमयी उपस्थिति में आ.व्यञ्जना जी के माँ मदालसा महाकाव्य सीरीज़ का लोकार्पण किया गया। माँ मदालसा के उत्कृष्ट चारित्रिक गुणों पर आधारित मधुमालती एवम चौपाई छंद में रचित इस पुस्तक से प्रथम एवम द्वितीय सीरीज़ लोकार्पित की गई। जिसमें आ. रंजना गौतम जी ने अपना मधुर स्वर दिया है।
इस अवसर पर सिद्धहस्त कवियत्री के पिता साहित्यकार डॉ कविकुमार निर्मल, माता श्रीमती पुष्पा निर्मल, सिंगापुर से तकनीकी व्यवस्था की बागडोर संभाली पुत्री सौम्या गुप्ता जी , गुरुमंत्र से शुभारम्भ करती वाणी श्रीवास्तव जी, अपने अनमोल आशीर्वचनों से अभिभूत करते आचार्य गुणीन्द्रानंद अवधूत जी ने , मुख्य अतिथि शिवपूजन सोमदत्त जी के अनमोल वचन , कृष्णकांत जी , मीरा जी ने अपनी गौरवशाली उपस्थिति दर्ज की। कवियित्री के पिता डाॅ. कवि कुमार निर्मल जी तथा माँ पुष्पा निर्मल ने भी अपने आशीर्वाद वचन दिए
सभी माननीय अतिथियों ने अपने प्रेरक उदबोधन में अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कर इस नवीन प्रकल्प की सफलता की कामना की।
आ.मंजिरी निधि जी ने संचालन , राजश्री शर्मा ने अलंकरण प्रभार वहन किया। गुरुवर रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी ने व्यंजना जी को सदैव साहित्यिक क्षेत्र में साथ देने का वचन देते हुए आशीर्वाद वचन दिया । अंत में आ. कवियत्री व्यंजना आनन्द ‘मिथ्या’ जी ने सभी का आभार प्रकट किया।