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1. बाघों के बाद अब तेंदुए के लिए भी जाना जाएगा पन्ना टाइगर रिजर्व मे 100 से अधिक टाईगर है लेकिन पार्क प्रबंधन 70 के लगभग गिनती बता रहा है ।
2. टाइगर रिजर्व सहित
उत्तर , एंव दक्षिण , एवम क्षेत्रीय वन क्षेत्रों मे 350 से अधिक तेंदुए कि मौजूदगी देखी जा रही ।
3. बाघो के साथ-साथ चल रही तेंदुओं की भी गाणना।
वर्ष 2008 मे पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या पूरी तरह खत्म हो गई थी । लेकिन 2009 में पूर्व क्षेत्र संचालक श्री आर.श्री निवास मूर्ति ने एकबार बाघों का संसार बसाने का बीड़ा उठाया. और बाघ पुनर्स्थापना योजना लागू कराने एड़ी चोटी का जोर लगा कर, पन्ना टाईगर रिजर्व को देश , और दुनिया में नई पहचान बना कर दी । हेलीकॉप्टर से बाघिन लाई गई, और बाघों को लाया गया ।उसके बाद बाघों का कुनबा ऐसा बढ़ा, कि मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त हो गया । लेकिन अब टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त होने के बाद अब शायद वह दिन दूर नहीं, जब मध्य प्रदेश को लेपर्ड स्टेट के नाम से भी जाना जाएगा. कैसे देखिए हमारी इस रिपोर्ट में,
पन्ना टाइगर रिजर्व में अन्य सभी टाइगर रिजर्व की अपेक्षा, अधिक तेंदुए पाए जाते हैं. इनकी संख्या 350 से अधिक है. और गणना का कार्य अभी भी चल रहा है. प्रबंधन ने उम्मीद जताई है, कि अपने आप में यह संख्या बहुत अधिक है। हालांकि पन्ना टाइगर रिजर्व का कोर एरिया बाघों के रहवास के लिए छोटा पड़ता नजर आ रहा है।
350 से अधिक तेंदुए और 70 से अधिक बाघों का रहवास अपने आप में बताता है. कि यह टाइगर रिजर्व वन्य प्राणियों को कितना भा रहा है, कि लगातार बाघों और तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि इसे अचंभा ही कहेंगे कि इतना सब होने के बावजूद भी, कभी कभी वन्य प्राणियों में आपसी संघर्ष की खबरें निकलकर सामने नहीं आजाती है। वही लगातार बढ़ रही, तेंदुओं की संख्या से प्रबंधन को भी काफी खुशी है। फिल्ड डायरेक्टर का कहना है कि वर्ष 2018 में जब तेंदुआ की गणना हुई थी तो, सबसे अधिक तेंदुए पन्ना टाइगर रिजर्व में पाए गए थे।