चित्रकूट जिला के विकासखंड कर्वी के अकबरपुर ग्राम पंचायत में अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है जहां मृतक साधु का जमीन हथियाने के लिए पूर्व प्रधान व सचिव ने ग्रामीण से ₹50000 लेकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। बताया जा रहा है कि मृतक साधु रामसनेही उर्फ रामगोपाल दास जी का जो एक हनुमान मंदिर के पुजारी थे। जो झांसी जिला के चंदरौल में स्थित प्रसिद्ध मंदिर में महंत थे। बताया जा रहा है कि मृतक साधु था और झांसी जिला के चंदरौल में पूजा पाठ करता था जहां उसकी आकस्मिक मौत हो गई।रामसनेही उर्फ रामगोपाल दास की मृत्यु का पता अकबरपुर ग्राम पंचायत के निवासी पूर्व प्रधान गैबीशरण को लगी तो तत्काल गांव के ही निवासी व्यक्तियों से पूर्व प्रधान के द्वारा संपर्क किया गया और सांठगांठ करके कुछ रुपए लेकर फर्जी रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र अकबरपुर ग्राम पंचायत से जारी किया गया। जो अब ग्रामीणों को जानकारी मिलने के बाद गांव की गली गली में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधानों पर अब भरोसा नहीं रह गया है कि कब किसको कहां मृत्यु घोषित करके फर्जी रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र बना दें। जबकि मृतक साधु के भाई रामकृपाल के लड़के राजा का कहना है कि। पूर्व ग्राम प्रधान को हमारे द्वारा बताया गया है कि साधु की मृत्यु झांसी जिले के चदरौल में एक प्रसिद्ध मंदिर में हुई है जहां मृतक साधु का अंतिम संस्कार भी किया गया है। लेकिन पूर्व प्रधान गैबी शरण ने कहा कि आपको घबराने की जरूरत नहीं है मैं जो कहूं बस इतना ही करते जाओ। फिर इसके बाद मृतक साधु रामसनेही की अकबरपुर ग्राम पंचायत में पैतृक जमीन को हथियाने का खेल शुरू हुआ और फर्जी रूप से ग्राम पंचायत अधिकारी जो अकबरपुर ग्राम पंचायत में तैनात था रामशरण राही से अपने मन मुताबिक तारीख का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र गांव में मृतक साधु की मृत्यु दिखाकर जारी करा लिया गया। जो अब साधु की मौत का रहस्य बना हुआ है बताया जा रहा है कि जिस साधु की मौत झांसी के चंदरौल के एक प्रसिद्ध मंदिर में हुई थी जहां उसका उसी प्रसिद्ध स्थान में अंतिम संस्कार किया गया तो फिर ग्राम पंचायत अधिकारी व पूर्व प्रधान के द्वारा किस बेस पर मृतक साधु को ग्राम पंचायत अकबरपुर में मृत्यु दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इसी तरह ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी गांव में किसी को भी मृत घोषित कर जमीन हथियाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर देंगे तो शायद वह दिन ज्यादा दूर नहीं होंगे जब जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र आसानी से ना बना दिया जाए। ग्रामीणों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मृतक साधु के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जो ग्राम पंचायत के द्वारा जारी किया गया है उसको सभी सरकारी दफ्तरों में लगाकर मृतक साधु की जमीन व जो भी चल अचल संपत्ति थी उसको ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा साठगांठ करके अपने कब्जे में कर लिया गया है। वही अब देखना यह है कि जिले के उच्च अधिकारियों के द्वारा जो ग्राम पंचायत में प्रधान और सचिव मिलकर फर्जी रूप से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं उन पर क्या कार्रवाई की जाती है या फिर बिना कार्रवाई की है इसी तरह छोड़ दिया जाएगा ताकि ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी मिल जुलकर इसी तरह फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते रहेंगे और लोग चल अचल संपत्ति दूसरे की अपने नाम करते रहेंगे।