मध्यप्रदेश राज्य हीमोग्लोबिनोपेथी मिशन (सिकलसेल, थैलेसिमिया और हीमोग्लोबिन के अन्य असामान्य रूप ) की रोकथाम एवं प्रबंधन के संबंध में राज्यपाल द्वारा बैठक ली गई
सेवा का काम है, लोग दुआ देंगे-राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल का 23 फरवरी को जिले में भ्रमण कार्यक्रम आयोजित था। राज्यपाल को गेल रेस्टहाउस में प्रातः10.30 पर गार्ड आफ आनर दिया गया। यहां पर सांसद रतलाम झाबुआ गुमानसिंह डामोर, विधायक झाबुआ कांतिलाल भूरिया, कलेक्टर सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिह एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पुष्पगुच्छ से आत्मीय अभिनंदन किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष में मध्यप्रदेश राज्य हीमोग्लोबिनोपेथी मिशन की बैठक आयोजित थी। बैठक में राज्यपाल के द्वारा सभी जिला अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। जिले में सिकलसेल एनिमिया पायलेट प्रोजेक्ट के तहत झाबुआ एवं अलिराजपुर की सामूहिक समीक्षा का आयोजन था। जिसमें सांसद गुमानसिह डामोर, विधायक झाबुआ कांतिलाल भूरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, राजभवन, डी.पी.अहूजा, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदामा खाडे, कलेक्टर झाबुआ सोमेश मिश्रा, कलेक्टर अलिराजपुर राघवेन्द्रसिंह तोमर, पुलिस अधीक्षक झाबुआ आशुतोष गुप्ता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अलिराजपुर संस्कृति जैन, संचालक एच.एच.एम. डॉ.पंकज शुक्ला, उप संचालक सिकलसेल एवं मात्र स्वास्थ्य डॉ. अर्जना मिश्रा, क्षेत्रिय संचालक डॉ. अशोक गाडरिया, संयुक्त संचालक डॉ. एच.एस.नायक, झाबुआ एवं अलिराजपुर स्वास्थ्य अमला उपस्थित था।
राज्यपाल महोदय का बैठक में आत्मीय अभिनंदन कलेक्टर झाबुआ सोमेश मिश्रा, कलेक्टर अलिराजपुर राघवेन्द्र सिंह तोमर, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के द्वारा पुष्पगुच्छ से किया गया।
स्वागत के पश्चात डॉ. अर्चना मिश्रा द्वारा सिकलसेल एनिमिया पायलेट प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तृत रूप से पीपीटी के द्वारा जानकारी सदन में प्रस्तुत की। इस पीपीटी में राज्यपाल द्वारा प्रत्येक गर्भवती महिला एवं बच्चों की सिकलसेल की जांच अनिवार्य रूप से की जाना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही गर्भवती महिलाओं के सिकलसेल एनिमिया बीमारी पाए जाने पर गर्भ में पल रहे बच्चों की एम्नियो, सेटेसिस के द्वारा जांच कर बीमारी का पता लगाने हेतु मेडिकल कॉलेज स्तर पर प्रशिक्षित टीम गठन हेतु निर्देशित किया गया। झाबुआ एवं अलिराजपुर जिले में यह पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 06 माह के अंदन पूर्ण गंभीरता के साथ स्वास्थ्य अमले द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाए। जनअभियान परिषद द्वारा उपक्त मिशन का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार पोस्टर बेनर के साथ स्थानीय भाषा में खाटला बैठक, चौपाल बैठक के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित करें। महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा मरीजो के दर्द को संवैदनशीलता के साथ महसूस कर इस मिशन को सफल बनाए जाने के निर्देश दिए। यह एक सेवा का काम है। लोग आपको दुआ देंगे, आपके प्रयास से जो स्वस्थ होंगे उनके माता-पिता भी आपके ऋणी रहेंगे। मैं राज्यपाल होकर आपसे प्रार्थना करता हॅू कि इस बीमारी के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें। राज्यपाल द्वारा एनजीओ व स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के द्वारा ज्यादा से ज्यादा प्रचार और स्क्रीनिंग पर ध्यान दे। यह हमारा कार्य भी है और सेवा का भाव भी है। बैठक में खासतौर पर सिकलसेल से पीडित पराग सागर जो बालाघाट से आए थे इस बैठक में इनके द्वारा बताया गया की वे किस तरह से स्वस्थ हुए एवं सिकलसेल के कारण किस तरह की समस्या आती है इसका विस्तृत रूप से गवर्नर के समक्ष अपनी आपबिती बताई एवं इस समस्या से डरे नहीं सामना करने का संदेश दिया। गर्वनर महोदय द्वारा कहा कि एलोपेथी के साथ आयुर्वेद और होम्योपेथी से भी सिकलसेल का इलाज करें। मरीजों को आयुष्मान भारत योजना से जोडा जाए।
राज्यपाल के द्वारा बैठक में कहा कि सिकलसेल के प्रति जागरूकता एवं पॉजेटिव भाव होना अति आवश्यक है। इस बीमारी को किसी भी स्थिति में छिपाया नहीं जाए। जिस प्रकार लेप्रोसी के पेशेंट को स्वतः ही हम उभरते हुए देखते हैं इसके पश्चात इलाज करवाते है। इस बीमारी में हम हीनभावना नहीं रखे। उन्हे समझाएं और हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुए एक अच्छा माहौल बनाकर सिकलसेल के बारे में अधिक से अधिक शिक्षित करें। दोनों जिलों में सिकलसेल को जड़ मुल से खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी है। सिकलसेल क्योरेबल नहीं है, पर मेरा विश्वास है कि हम सब के प्रयास से यह क्योरेबल हो जाएगा। सांसद द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि इस अभियान में पायलेट प्रोजेक्ट केवल छःमाह ही निर्धारित है। इसमें स्थानीय भाषा, स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जन जन तक इस बीमारी के बारे में लोग जान सके और अपना ईलाज करा सकें। बैठक में विधायक झाबुआ कांतिलाल भूरिया ने भी जिले में हो रहे पलायन के संबंध में अपना ध्यान आकृष्ट करवाया। बैठक में नागपुर से आए नेस्को के राष्ट्रीय सचिव गोतम डोंगरे ने भी सदन में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होने बताया कि उनकी 17 वर्ष की बेटी और 12 वर्ष का बेटा दोनो सिकल सेल से पीडित है। यह बीमारी बहुत ही पीडा दायक है इसके लिए नए मरीजों की प्रथम जांच और तत्काल ईलाज से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सिकलसेल के लिए काम कर रही है। इनके लिए एक अलग से व्हाटसअप गु्रप बनाया गया है। जिसमें विशेषज्ञ अपनी राय साझा करते हैं एवं परामर्श देते है।
डॉ. अर्चना मिश्रा के प्रस्तुति करण के बाद कलेक्टर झाबुआ सोमेश मिश्रा एवं कलेक्टर अलिराजपुर राघवेन्द्र सिंह तोमर के द्वारा सिकलसेल एनिमिया पायलेट प्रोजेक्ट की जिले में संचालित गतिविधिया एवं वर्तमान उपलब्धियों का विस्तृत प्रस्तुतिकरण सदन में किया गया। महामहिम के द्वारा सिकलसेल एनिमिया के प्रबंधन के संबंध में आयुष विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सामूहिक प्रयास से इस बीमारी को जड़ से समाप्त किए जाने हेतु निर्देशित किया गया। महामहिम द्वारा बताया कि प्रदेश में यह बैठक सबसे बडी सिकलसेल के संबंध में है। जिसमें भोपाल से वरिष्ठ अधिकारी एवं झाबुआ एवं अलिराजपुर जिले के प्रशासनिक मुखिया उपस्थित है।
बैठक में राज्यपाल ने अपने कर कमलो से राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत सात आंगनवाडी कार्यकताओं को मोबाईल प्रदान किए। जिसमें चंदा धाकरे, प्रिया सारोलकर, कलावती गुंडिया, नमिता गुंडिया, नदंनी राठौर, रेखा गोयल एवं विजेता कोठारी थी।
बैठक के पश्चात कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेट किया। बैठक में कलेक्टर सोमेश मिश्रा के द्वारा राज्यपाल एवं वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया गया।
राज्यपाल द्वारा कलेक्टर कार्यालय परिसर के बगीचे में तुलसी का पौधा लगाया गया। जिसमें जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।