मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान पर आरोप बेबुनियाद ,निजी स्वार्थ के लिए नहीं संस्था को समाजिक दायित्वों के लिए मिला है सहयोग-आँचलिक ख़बरें -हेमंत वर्मा

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खबर का असर मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान की राशि पर वायरल खबर पर सृजन फाउंडेशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई पेश किया
राजनांदगांव हेमंत वर्मा ब्यूरो चीफ/स्थानीय प्रेस क्लब भवन में सृजन फाउंडेशन संस्था की सचिव श्रीमती साधना तिवारी, श्रीमती अलका देशमुख, ने पत्रकार वार्ता में बताया कि छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदत मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि निजी स्वार्थ हित के लिए नहीं बल्कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए संस्था द्वारा लिया गया है डोंगरगांव विधायक के प्रयासों से राशि मिली है यह अलग बात है जिस संस्था को राशि मिनी उसमें विधायक की पत्नि भी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत है। और विधायक की पत्नी को भी सामाजिक सरोकार में अपनी भूमिका निभाने पूर्ण रूप से आजादी है और संवैधानिक अधिकार भी, पत्रकार वार्ता में श्रीमती साधना तिवारी ने बताया कि विगत दिनों शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से हमारी सामाजिक संस्थाओं को प्राप्त अनुदान राशि को लेकर संस्थाओं के सदस्यों पर व्यक्तिगत आरोप लगाए जाने का हम खण्डन करते है उदाहरण स्वरूप सृजन फाउण्डेशन राजनांदगांव जो कि पंजीकृत सामाजिक संस्था है के सम्मानित सदस्या श्रीमती जय श्री साहू पर शासन से पांच लाख रूपये अनुदान प्राप्त करने और व्यक्तिगत लाभ का आरोप लगाया गया जो कि सरासर निराधार है। श्रीमती जयश्री साहू के नाम पर प्राप्त मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि सृजन फाउण्डेशन राजनांदगांव को प्राप्त हुई है जिसका उपयोग संस्था के नियमों के अन्तर्गत संस्था के सदस्य के बतौर श्रीमती जयश्री साहू नहीं कर सकती और ना ही ऐसी काई भावना है। राशि का उपयोग संस्था द्वारा सामाजिक कार्यक्रमों में किया गया और किया जा रहा है। सृजन फाउण्डेशन संस्था ने पूर्व में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम अन्तर्गत गोविंदराम निर्मलकर आडोटोरियम में विशाल महिला सम्मान सम्मेलन तथा महिला सम्मान समारोह आलीवारा में किया गया जिन कार्यक्रमों की व्यापकता किसी से छिपी नहीं है।
उपरोक्त कार्यक्रम सृजन फाउण्डेशन की सक्रियता को दर्शाता है। विधायक दलेश्वर साहू की धर्मपत्नि होने के चलते श्रीमती जयश्री साहू पर आरोप लगाया गया। एक महिला होने के नाते अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करते हुये महिलाओं के सम्मान के लिये आगे आकर कार्य करना क्या गलत है ? ऐसा आरोप सामाजिक गतिविधियों में जागरूक महिला प्रतिनिधी के मनोबल को कमजोर करता है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से सामाजिक संस्था होने के नाते आर्थिक सहयोग मांगना अपराध नहीं है। सामाजिक क्षेत्रों में बच्चों, महिलाओं, पिछडे लोगो के लिये कार्य करना और समस्त सामाजिक सेवा गतिविधियों पर होने वाले व्यय के लिये सामाजिक संस्थाएँ प्रत्येक सरकार व दानदाता और सहयोगियों की मदद लेती है, ऐसे में शासन की राशि का सद्उपयोग करते हुये सामाज में जागृति का कार्य किया जाता है। विधायक दलेश्वर साहू ने हमारी संस्थाएँ और महिला सम्मान के लिये एक कडी का कार्य करते हुये अनुदान दिलवाया। उन्होने महिला सशक्तिकरण के लिये सृजन फाउण्डेशन, चिल्ड्रन केयर, स्पोर्टस एंड कल्चरल सोसायटी, मिसेस वर्ल्ड चैम्पीयनशिप के लिये श्रीमती नीमा राजपूत व अन्य महिलाओं और सामाजिक संस्थाओं को अनुदान दिलवाने वाले डोंगरगांव विधायक एवम् पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष के सफल प्रयास से हुआ है।इसके लिये उनका आभार करते हुये पुनः ऐसी किसी बात का खण्डन करते है कि गत दिनों स्वेच्छानुदान राशि में संस्थाओं को मिले राशि पर व्यक्तिगत आरोप लगाया गया था जो निराधार है।

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