बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए विधान बनाने की आवश्यकता~आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज। दमोह। सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में रविवार को संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने संदेश देते हुए कहा कि काया कभी अमर होकर नहीं आती, वृद्धावस्था में बीमारियों होने पर आश्रम में ही उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए और अंत समय संलेखना पूर्वक मरण होना अच्छी बात है। सागर, बंडा, ललितपुर की महिलाओं ने व्रत धारण करने का संस्कारित कार्य किया है,8,9,10, और 11 प्रतिमाधारी रहते हुए, जिनको भिन्न भिन्न स्थानों पर चयनित करके प्रतिभास्थली में शिक्षिका का कार्य करना है और शिक्षा, संस्कार के माध्यम से सरिधाश्रम का निर्माण कराना है और कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए एक विधान बनाया जाना चाहिए। महामहोत्सव सम्पन्न होने के बाद मस्तकाभिषेक चल रहा है साथ ही जिस प्रकार सभी संघ को बुलाया गया था उसी तरह संघ को विहार के संकेत दिए जा रहे हैं। आज कुण्डलपुर से मुनि श्री विमल सागर महाराज, मुनि श्री विनम्र सागर महाराज, मुनि श्री निस्पृह सागर महाराज का संघ सहित विहार हुआ है।
मुनि श्री समय सागर जी महाराज की संघ सहित अगवानी और विहार दमोह/आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के ज्येष्ठ शिष्य निर्यापक मुनि श्री समय सागर महाराज का ससंघ रविवार सुबह दमोह नगर हुआ उनके साथ 8 मुनि एवं 13 नव दीक्षित छुल्लक भी इस अगवानी का हिस्सा रहे। ज्ञातव्य हो की कुण्डलपुर महामहोत्सव में नगर के युवा कार्तिक जैन को भी आचार्य श्री जी द्वारा क्षुल्लक पद की दीक्षा दी गई है वे नरेंद्र जैन फैशन हाउस परिवार के सदस्य थे, मुनि संघ की अगवानी हेतु नगर की सभी प्रमुख संस्थाएं, जैन पंचायत, मुनि सेवा समिति, शाकाहार उपासना, महिला मंडल एवं बालिका मंडल गाजे-बाजे सहित धरमपुरा नाका पहुंचे, जहां सभी श्रद्धालुओं ने मुनि श्री की अगवानी में हिस्सा लिया, तदोपरांत मुनि श्री को नगर के श्री दिगंबर जैन नन्हें मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ जहां पर मुनि श्री ने श्रद्धालुओं के लिए अमृतवाणी का सोपान भी कराया, उन्होंने कहा बड़े बाबा की आराधना करते रहना चाहिए, देव शास्त्र गुरु के प्रति आस्था रखने से परिणाम शुद्ध होते हैं, जिनेंद्र दर्शन भक्ति करने से सम्यक दर्शन की उत्पत्ति होती है अत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 15 मिनट का स्वाध्याय करना चाहिए, संसार का स्वरूप जानने के लिए संसारी प्राणी को सुख-दुख भूल कर गुरु की आराधना में लीन रहना चाहिए । प्रवचन उपरांत मुनि संघ की आहार चर्या भी संपन्न हुई मुनि श्री समय सागर जी महाराज को आहार कराने का सौभाग्य सोनू मोनू गांगरा परिवार को प्राप्त हुआ। नव दीक्षित क्षुल्लक श्री अमापसागर महाराज को आहार कराने का सौभाग्य उनके उनके गृहस्थ जीवन के परिवारजनों नरेंद्र जैन फैशन हाउस को ही प्राप्त हुआ। निर्यापक मुनि श्री को दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुधीर सिंघई वेलकम, वीरेश सेठ, नन्हें मंदिर अध्यक्ष गिरीश नायक, राजेश, मानव बजाज, महेंद्र जैन सोमखेड़ा, अटल राजेंद्र जैन, अनिल मम्मा,सोनू नेता, राजेश चौधरी, नेम चंद बजाज, डॉ अमित जैन, डॉ आई सी जैन, शैलेंद्र मयूर, मोनू गांगरा, मोनू चौधरी सहित अनेक गणमान्य लोगों ने श्रीफल अर्पित कर ग्रीष्म कालीन बचना का सौभाग्य दमोह नगर को प्रदान करने का आग्रह किया। प्रवचन पूर्व सभी जैन मंदिर अध्यक्ष, बालिका मंडल, महिला मंडल ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का पूजन किया। दोपहर बाद निर्यापक मुनि श्री समयसागर जी महाराज का संघ सहित पद विहार सागर की तरफ हुआ।
बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए विधान बनाने की आवश्यकता- आंचलिक ख़बरें -मुकेश जैन
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