कुंभकार के चाक पर सिंधिया के सधे हुए हाथ-आंचलिक ख़बरें-विनोद गुप्ता

Aanchalik Khabre
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कुंभकार के चाक पर सिंधिया के सधे हुए हाथ, अनगढ़ बर्तन बना समझा–सृजन सहज-सरल नहीं, सतत अभ्यास आवश्यक
ग्वालियर 10 मार्च। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने, गुरुवार को बहोडपुर इलाके के किशन बाग में, 30 बिस्तरों के अस्पताल का भूमि पूजन करने पहुंचे। साथ ही उन्होंने एबी रोड से बरा गांव तक, 2.30 किलोमीटर लंबी सड़क का भी भूमि पूजन किया। लगभग पांच करोड़ रुपए की लागत वाली सड़क के लिए, भूमिपूजन से पूर्व सिंधिया ने नव-देवियों (कन्याओं) का तिलक एवं उपहार देकर, उनका पूजन एवं सम्मान किया। इस दौरान रास्ते में सिंधिया को, चाक पर मिट्टी के बर्तन व घड़े बनाता कुंभकार दिखाई दिया तो, वह उसके साथ बैठकर चाक पर बर्तन बनाने में जुट गए।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किशन बाग में अस्पताल व आगरा-मुंबई राजमार्ग से बरा गांव को से जोड़ने वाली सड़क के, भूमि पूजन जा रहे थे, तभी मार्ग में उन्हें चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाता, कुंभकार दिखाई दिया। सिंधिया ने कार रुकवाई, और कुंभकार के समीप बैठ गए। पहले मृद-भांड शिल्पी से चाक और मिट्टी से, बर्तन बनाने की बारीकिया संमझीं, फिर स्वयं चाक पर बन रहे शिल्प का, अपने हाथों से सृजन का प्रयास किया। सिंधिया शिल्प-सृजन में कामयाब तो हो गए, किंतु शिल्प अनगढ़ ही रहा। सिंधिया समझ गए कि, शिल्प सृजन सहज सरल नहीं, इसे गढ़ने की सिद्धि प्राप्त करने के लिए सतत साधना की आवश्यकता होती है।

 

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