यूपी के बरेली में साइबर ठगी के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक हफ्ते पहले फतेहगंज पश्चिमी के गांव धंतिया में छापा मारकर 80 लाख की ठगी मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर शनिवार को दिल्ली साइबर सेल की टीम ने धंतिया गांव में दबिश दी, इससे पहले ही आरोपित फरार हो गए। गांव में चर्चा रही कि आरोपित घर पर ही थे, फतेहगंज पश्चिमी पुलिस के हूटर की आवाज सुनकर आरोपित भाग खड़े हुए।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में 80 लाख की ठगी मामले में एक मुकदमा दर्ज है। मुकदमे में फतेहगंज पश्चिमी थाने के धंतिया गांव के सद्दाम व अफजाल समेत छह आरोपित नामजद हैं। सात दिन पूर्व दिल्ली पुलिस की एक टीम ने गांव में छापा मारकर सद्दाम व अफजाल को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के आधार पर दोनों को रिमांड पर लिया गया। दोनों को लेकर टीम ने फतेहगंज पश्चिमी के रहने वाले अन्य आरोपितों की तलाश में शनिवार को दबिश दी। उससे पहले ही सभी आरोपित वहां से फरार हो गए। ठगी के मामले में पुलिस को धंतिया गांव के जमशेद, सुल्तान, आजम,फारुख की तलाश थी। धंतिया गांव साइबर ठगी को लेकर चर्चित है। आरोपितों के मिलने पर टीम खाली हाथ ही लौट गई।
गांव के लोग बताते हैं कि फतेहगंज पश्चिमी थाना पुलिस दिल्ली की साइबर सेल पुलिस लेकर पहुंची। धंतिया गांव पहुंचते ही फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने हूटर आन कर दिया। पुलिस के हूटर की आवाज सुनते ही सभी आरोपित अलर्ट हो गए और अपने घरों से फरार हो गए।
चश्मदीद बताते हैं कि अगर पुलिस हूटर ना बजा कर चुपचाप गांव में छापेमारी करती तो सभी आरोपित पकड़े जा सकते थे। जब भी दिल्ली समेत किसी भी राज्य की पुलिस दबिश देने आती है तो सबसे पहले थाने में संपर्क से करती है। फिर संबंधित क्षेत्र में पहुंचती है। अक्सर बाहर की टीम खाली हाथ ही लौटती है। ऐसे में आरोपितों के लिए सटीक मुखबिरी की चर्चा है।