50 फीट के गढ़ पर चढ़कर आदिवासी युवा दिखाया अपना शौर्य
राजवाडा चौक पर गढ़ पर्व का बुधवार को आयोजन हुआ ।
शौर्य का प्रतीक गढ़ पर्व बुधवार 30 मार्च को चैत्र कृष्णपक्ष तेरस पर, परंपरानुसार मनाया गया । करीब 50 फीट ऊंचे गढ़ पर चढ़कर युवाओं द्वारा शौर्य का प्रदर्शन किया जाता है । परंपरा के अनुरूप नगर पालिका द्वारा दोपहर में, राजबाड़ा चौक पर गढ़ (लकड़ी का खंभा) खड़ा किया गया । तेल व साबुन से इसे चिकना किया जाता है. गढ़ की पूजा के बाद गढ़ जीतने के लिए युवाओं ने चढऩा शुरू किया । कुछ को सफलता हाथ लगी तो, कोई फिसलकर नीचे आ गए। युवाओं द्वारा रस्सी के सहारे गढ़ जीतने का प्रयास किया जाता है । गढ़ जीतने वाले को नीचे से गुड़-चने की पोटली झेलाई जाती है। जब भी किसी ने गढ़ पर चढऩे का प्रयास किया जाता है तो, नीचे ढोल-मांदल बजाकर ग्रामीणों ने उत्साह बढाने का काम करते है । राजवाडा चौक पर त्रयोदशी के दिन मीनी भगोरिया जेसा उल्लास भरा माहौल दिखाई देता है । आदिवासी परम्परा की थाती के रूप में यह पर्व, नगर में राजशाही के समय से ही मनाया जा रहा है । यह परंपरा तभी से निभाई जा रही है। ग्रामीण गढ़ पर चढ़कर उसे जीतने की कोशिश करते हैं जो युवा गढ़ जीत लेता था उसे नीचे से गुड़-चने की पोटली फेंककर दी जाती है।
झाबुआ में धूमधाम से मनाया गया गढ़ पर्व-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर
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