आकाश कोर्ट मंजन गढ़ की पंच महिला कोठी पहचान को मोहताज खबर उमरिया से उमरिया आकाश कोर्ट से आशय ऊंचे पहाड़ों में बसे गांव से है जहां पर कभी आने जाने के लिए शुभम रास्ते भी नहीं थे विकास के तौर पर आज वहां आने जाने के लिए पक्की सड़कें बन चुकी हैं लेकिन आकाश कोर्ट के मंजन गढ़ में एक पंच माला छोटी है जो और शासन कालीन बताई जा रही है मंजन गढ़ के बाला सिंह ते काम शे गोट शासन कालीन पंचमहला कोटि को लेकर जब चर्चा की गई तो उन्हें बताया कि 16वीं शताब्दी पुरातत्व विभाग के नजर से दूर है जिले के आकाश कोर्ट क्षेत्र में स्थित मस्जिद मानी कला गांव के ठाकुर बाबा घाट पर स्थित पुरातत्व ऐतिहासिक महत्व के इस स्मारक तक पुरातत्व विभाग अभी तक नहीं पहुंच पाया है यहां शासन के नजरों से ओझल है स्थानीय लोग मानस में विद्यमान कथाओं के अनुसार यहां का गुण राजा जिन्हें ठाकुर बाबा कहा जाता था के पास उड़न बछेड़ा घोड़ा था उड़न बछेड़ा से आशय हवा में उड़ने वाला घोड़ा से है जिससे वहां बांधव दरबार की बैठक में जाया करते थे वह अपने वचन के पक्के और समझौता न करने वाले दृढ़ शासक थे एक बार बांधव दरबार में उन उन से चलकर उनकी तलवार जमा कर ली गई और फिर उनका सिर कलम कर दिया गया कहा जाता है कि ठाकुर बाबा का उड़न बछेड़ा घोड़ा उनका सिर लेकर मंच नागर आया जहां पर कोठी के पास ही ठाकुर बाबा के सिर की स्थापना की गई यह स्मारक एक अनुसार के मुताबिक सोलवीं शताब्दी की हो सकती है इस कोठी से लगभग आधा किलोमीटर दूर मध्य पहाड़ में उसी कला की जल स्रोत बोली है जहां से पानी लाया जाता था अभी कुछ साल पहले गांव में रोड बनते समय काफी मात्रा में चांदी के सिक्के मिले थे जिन्हें शासन ने जमा कर लिया है उन्हें किसी को की कहानी भी कहीं ना कहीं इस कोठी से जुड़ती है इस तरह यह स्मारक गौड़ शासन का महत्वपूर्ण गौरवशाली वैभवशाली इतिहास के रूप में हमारे सामने हैं जिसे पुरातत्व विभाग को संज्ञान में लिया जाना चाहिए यह पंचम हला कोठी आकाश कोर्ट पहाड़ के चोटी में होने और माणिकबाग से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण पर्यटन से जोड़ने की अपार संभावनाएं हैं.