जिला कटनी – सिलौंडी में शिव चौक में चल रही भागवत कथा में वात्सल्यमूर्ति पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी की परम कृपा प्राप्त शिष्या पूज्या डॉ साध्वी सम्पूर्णा जी की सरस् श्रीमद्भागवत कथा का प्रवाह 9 मई से प्रारंभ हुआ । कथा के द्वितीय दिवस पर पूज्या साध्वी जी ने सती चरित्र और धुर्व चरित्र को विस्तार से श्रवण कराते हुए कहा कि भोलेनाथ ने सती को बहुत प्रकार से समझाने का प्रयत्न किया परन्तु दम्भी दक्ष की कन्या और हठी होने के कारण प्रभु श्री राम को सीता के वियोग में विलाप करते हुए देख प्रभु की लीला को नही समझी और उनकी परीक्षा लेने माता सीता का स्वरूप धारण कर लिया । प्रभु श्रीराम माता सती को पहचान गए उन्होंने कहा आप अकेले कैसे ,बाबा भोलेनाथ कहाँ ?
माता सती ने माता सीता का स्वरूप धारण किया अतः भोलेनाथ ने माता का परित्याग कर गहन ध्यान साधना में रत हो गए और जब समाधि से बाहर आये तो प्रभु श्री राम की कथा श्रवण कराने लगे दक्ष के यज्ञ के बहाने सती का शरीर छूटा और अगले जन्म में पार्वती स्वरूप में प्रभु को प्राप्त किया । विमाता के कठोर वचनों से आहत बालक ध्रुव कठोर साधना कर प्रभु की गोद को पाता है ।ग्वारीघाट के सम्पूर्णम घाट में साधनारत साध्वी सम्पूर्णा जी के दर्शन और उनकी रसमय वाणी में कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा है श्रीमती कविता सिन्हा, श्री राधे राधे म्यूज़िकल ग्रुप का विशेष सहयोग संगीतमय कथा में है।