प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसान उगा सकते है विषरहित फसल-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बनी रूपरेखा

चित्रकूट। रानीपुर भट्ट के भारत जननी परिसर में शुक्रवार को लोक भारती के तत्वाधान में प्राकृतिक खेती के सम्बंध में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने को लेकर जनचर्चा की गई। गोष्ठी समाजसेवी गोपाल भाई के नेतृत्व में हुई इस गोष्ठी में कामतानाथ मंदिर के अधिकारी संत मदनदास संरक्षक के रूप में मौजूद रहे।
गोष्ठी में लोक भारती के गोपाल उपाध्याय और श्याम बिहारी गुप्ता ने प्राकृतिक खेती की शुरुआत करने और उसके लाभों के संबंध में जानकारी दी। बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जनजागरण और प्रशिक्षण की रूपरेखा बनाई गई। लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत एक गाय, एक किसान सूत्र पर की जा सकती है। इससे किसान विषरहित फसल उगा सकता है। गोपाल उपाध्याय ने प्राकृतिक खेती को लेकर संकल्प दिलाया। उन्होंने पोषण वाटिका, मंगल वाटिका, संकरी वाटिका आदि के माध्यम से प्रकृति से जुड़ाव और प्राकृतिक खेती के माध्यम से जीवन बचाने की चर्चा की। कृषक समृद्धि आयोग उत्तर प्रदेश के सदस्य श्याम बिहारी गुप्ता ने भी प्राकृतिक खेती से किसान के आत्मनिर्भर बनने की बात समझाई और अपने अनुभवों को साझा किया। कामतानाथ मंदिर के अधिकारी संत मदनदास ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि लोक भारती का यह प्रयास खेती की दिशा में अच्छी पहल साबित होगा। गोपाल भाई ने संकल्पों को दोहराया और कहा इससे इस प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाया जा सकेगा। गोष्ठी में जनदीप सिंह, शेखर त्रिपाठी, डॉ. शिवशंकर सिंह, दीपक द्विवेदी, ऋषभ वर्मा, अंकिता गुप्ता, लक्ष्मी नारायण चतुर्वेदी, आशीष रिछारिया, बृजेंद्र मिश्रा, राजा भैया, अजय यादव, संगम लाल गुप्ता, डॉ. प्रवीण कुमार दुबे, पूरा लाल कुशवाहा, सुमेर सिंह, आत्माराम राजपूत, रामराज सिंह, उत्तम सिंह, डॉ. राजबहादुर, धर्मेंद्र कुमार मिश्र, डॉ. देवी सिंह, रामसागर सिंह, आशीष पाठक और देशराज सिंह आदि मौजूद रहे।

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