बरेली में एक हिंदू समुदाय के व्यक्ति द्वारा एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को मकान बेचने पर बखेड़ा खड़ा हो गया। मोहल्ले में रहने वाले लोग पलायन करने को तैयार हो गए । मामला बरेली शहर कोतवाली तक पहुंच गया , मगर अभी तक इसका कोई निर्णय नहीं लिया गया शहर कोतवाली में समझौता भी हो गया था मगर उसके बाद वह भी पलट गया लोगों ने समझौता नहीं माना और जो मकान मुस्लिम समुदाय द्वारा खरीदा गया था उसके बाहर धरने पर बैठ गए।
कोई वक्त था जब देश को आजाद कराने में हिंदू मुस्लिम सभी ने अपना लहू बहाया था । नफरतों की दीवारें उस वक्त भी बड़ी थी और देश दो भागों में विभाजित हो गया था जो लोग दूसरे समुदाय के लोगों से मोहब्बत करते थे वह उस समुदाय के लोगों के साथ विभाजित हो गए । मगर आज एक समुदाय दूसरे समुदाय को अपने आस पास भी खड़ा होता नहीं देख पा रहा है । नफरतों की दीवारें बढ़ती जा रही है। मामला बरेली के शहर कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर दरगईया का है जहां के रहने वाले एक हिंदू समुदाय के घनश्याम दास सेठ पुत्र भगवानदास सेठ ने अपना मकान एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति के लिए बेंच दिया और उसका एग्रीमेंट करा दिया। मकान मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को बेचने के बाद पड़ोस के हिंदू समुदाय के लोगों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। उनका कहना है कि अगर मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति यहां पर आकर रहने लगा तो उनके धार्मिक कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी। उनका कहना है कि यदि मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति ने यह मकान खरीदा तो मोहल्ले के हिंदू समुदाय के लोग पलायन कर देंगे। इस वक्त हिंदू समुदाय के लोग बेचे गए मकान के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं और अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है। लोग धरने पर बैठे है ।