रोपवे के संचालक व कर्मचारी बने भगवान, टेक्निक इंजीनियर का मानना की एरोप्लेन व रोपवे की नियम में कोई अंतर नही, किसी भी घटना से पहले ही लगते है चिल्लाने, अरे पहले घटना तो होने दो?
झारखंड के देवघर में दामोदर रोपवे की घटना से नही ले रहे सबक,
मैहर के रोपवे संचालक व कर्मचारी कर रहे बड़ी घटना की इंतजार,
19,09,2009 को समिति प्रशासक महोदय द्वारा भक्तों से अधिक वशूली पर दिया गया नोटिस जिस पर कोई कार्यवाही नही ?
रोपवे टेक्निकल महेश मोहतो का कहना कोई कुछ भी छापता रहे शिकवा शिकायत करता रहे मैहर के रोपवे उसी तरह चलता रहेगा जैसे दामोदर रोपवे चाहेंगा कारण की जिनको जांच एवम कार्यवाही करना है, उन्ही के मन मुताबिक वीआईपी जब जा रहे तो कौन करेगा कार्यवाही, जब घटना भी होगी तो यही अधिकारी कर्मचारी संभालेंगे? दामोदर रोपवे का कुछ नही होगा चिल्लाने दो चैनेल व अखबारों को, जब 30 रुपये के स्थान पर 50 लिया जा रहा था तब मैहर एसडीएम विनय जैन ने नोटिस जारी किया था अधिक वशूली का क्या हुआ कुछ नही, आज 130 रुपये पर व्यक्ति वशूल रहे है आज तक किसी ने पूछा नही, जब केन्द्र मंत्रलाय से लेकर हर राज्य के मंत्रालय तक के लोगो के साथ इनके घरों में काम करने वाले सभी लोग वीआईपी लोगो को सुविधा देंगे तो हम क्यो डरे किसी भी घटना दुर्घटनाओं से आखिर झारखंड के देवघर में दामोदर रोपवे में इतनी बड़ी दुर्घटना हुई क्या हुआ कुछ नही और न होगा सारी जांच विभाग दस्तविन में डाल देंगे क्योकि की जांच कर्ताओ को भी फ्री सुविधा देते है आप लोग चिल्लाते रहो दामोदर रोपवे को कोई फर्क नही पड़ता है वैसे भी 130 रुपये की वशूली फ्री में जाने वालों के कवर कर देता है। वैसे भी 23 मई 2022 को तेज हवा आई और यंत्र ने रोपवे को रोक दिया लेकिन सवाल यह उठ रहा है जब धीरे धीरे हवा आधे घंटे से बढ़ रही थी और रोपवे अधिकारी रुपये की लालच में सवारियों को ट्रेलियो में बैठना लगातार जारी थी जब कि चाहते तो समय रहते सवारियों को ऊपर व नीचे रोक कर सुरक्षित यात्रियों को रखा जाता बता दे कि दामोदर रोपवे मैहर में वो यंत्र लगा है जो अचानक आई तेज हवा तूफान पर तत्काल ब्रेक लगा देता है लेकिन इस बात के लिए यंत्र नही लगा है, कि एक घंटे पहले आने वाले आधी तूफान की जानकारी दे सके इस लिए तो 23 मई को किसी बड़ी अनहोनी पर सबने अपनी मुह बन्द रखा था उस दिन भी आधे घंटे से धीरे धीरे हवा तूफान के रूप ले रही थी लेकिन भगवान बने दामोदर रोपवे के अधिकारी कर्मचारी अपनी रुपये की कमाई के चक्कर मे आंखे बंद कर रोपवे का संचालक किसी चालू रखा था, रोपवे वालो का क्या है देवघर जैसे घटना के बाद जो दामोदर रोपवे के परममेन्ट कर्मचारी व अधिकारी है रफू चक्कर हो जाएंगे और स्थानीय अधिकारी मनघड़ंत कहानियां बनाकर लोगो को गुमराह कर मामले को शांत कर फिर पुनः रोपवे चालू कराने में जुट जाएंगे?