बीते 25 मई से शुरू हुए नौतपा का आज यानि 2 जून को आखिरी दिन है ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल गौतम आचार्य के अनुसार सूर्य का रोहिणी नक्षत्र 2022 में प्रवेश ही नौतपा कहलाता है। लेकिन इस नक्षत्र में गोचर के दौरात सूर्य का तेज अधिक होता है। इसलिए फिलहाल गर्मी की तपिश और झेलनी पड़ सकती है। क्योंकि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून तक रहेंगे।
8 जून तक रोहिणी में रहेंगे सूर्य —
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में सूर्य ने प्रवेश किया था। इसके बाद ये 08 जून तक इसी स्थिति रहेंगे। लेकिन नौतपा की समाप्ति 02 जून यानि आज हो जाएगी। आपको बता दें 25 मई दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर सूर्य ने रोहिणी में प्रवेश किया था। सूर्य देव 08 जून दिन बुधवार को सुबह 06 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र से बाहर हो जाएंगे।
नौतपा में क्या करें और क्या नहीं
नौतपा में क्या न करें
चूंकि नौतपा के 09 दिनों में आंधी, तूफान की आशंकी होती है इसलिए इस दौरान ऐसे में शादी, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।
नौतपा में सूर्य की अपना प्रचंड रूप दिखाते हैं। इसलिए इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए। अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।
जहां तक संभव हो इस दौरान भोजन में तेल, मसाला, गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचना चाहिए। इन दिनों ज्यादा भोजन करना भी हानिकारक है।
नौतपा के दौरान मांसाहार या तामसिक भोजन न करें। ये आपकी सेहत बुरा असर पड़ सकता है।
नौतपा में क्या करें –
आसानी से पच सके इसके लिए इस दौरान हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
जहां तक हो सके, पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। ताकि आप डिहाइड्रेशन का शिकार न हों।
जिस तरह इंसान को पानी की इस समय अधिक आवश्यकता होती है उसी तरह पशु—पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें। इसलिए खुले में या छत पर खुले में पक्षियों के लिए दाना पानी रखें।
लोगों को ठंडा पानी पिलाने की व्यवस्था करें। इसके लिए घर के बाहर मिट्ठी के घड़े और पानी की व्यवस्था की जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र में जेठ माह में जल का दान सबसे बड़ा दान माना गया है।
इस दौरान पेड़ पौधों को भी पानी की अधिक आवश्यकता होती है। इसलिए उनके लिए भी पर्याप्त पानी देते रहें। हरे पेड़ पौधों की सेवा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं।
जल मात्रा से भरपूर फलों का दान इस महीने में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए जहां तक संभव हो पानी की अधिक मात्रा वाले फलों का दान जरूर करें। पंखे का दान भी करें