,मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित श्री हरि वृद्ध आश्रम के 77 वर्षीय बुजुर्ग श्री बाल मुकुंद मैथिल की अटलविहारी बाजपेयी शासकीय मेडिकल कॉलेज में सघन उपचार के चलते उनका निधन हो गया ,जहा उनकी पत्नी सहित अन्य वृद्धो के अंतिम विदाई दी
अपनी मृत्यु पूर्व ही उन्होंने चिकित्सा शिक्षा की मदद हेतु वृद्ध आश्रम प्रबंधन की प्रेरणा से अपनी देह दान की इच्छा जताई ,और संकल्प पत्र भरा,जिस पर उनकी पत्नी श्रीमती मिथलेश मैथिल ने स्वीकृति दी थी,
ज्ञातव्य हो कि निर्धन ओर बेसहारा वृद्ध श्री बाल मुकुंद मैथिल 16 अक्टूबर 2020 को वह सपत्नीक विदिशा के ही शासकीय चिकित्सालय से अपनी पत्नी श्रीमती मिथलेश मैथिल के सर के घाव के इलाज के दौरान आश्रम संचालक श्रीमति इंदिरा शर्मा और श्री वेद प्रकाश शर्मा उन्हें वृद्धआश्रम ले आए थे ,,,ओर तभी से वे आश्रम में ही निवास कर रहे थे ,,,,,उनकी पत्नी अत्यंत घायल अवस्था मे आश्रम आयीं थीं ,,उनके सर में लगी गहरीचोट के घाव में कीड़े पड़ गए थे ,,,,जिसे आश्रम प्रबंधन ने अपने हाथों से मरहम पट्टी कर डाक्टर राजीव जेन की मदद से उन्हें 3 महीने में ठीक किया था,,,,,,
दोनों पति पत्नी ही एक दूसरे का सहारा थे और एक दूसरे से अत्यंत प्रेम करते थे ,,,,निःसंतान होने के कारण ओर गरीबी के चलते
दर दर की ठोकर खाने के बाद इन्हें श्री हरि वृद्ध आश्रम में रहने का भगवान की ओर से सौभाग्य मिला ,,,,ओर वह यहां बहुत चेन से व सुख पूर्वक जीवन गुजर बसर कर रहे थे ,,,,,,
उम्र के अंतिम पड़ाव में भी उनकी पत्नी श्रीमति मिथलेश मैथिल उन्हें प्यार से आई लव यू कहतीं तो आश्रम के सारे बुजुर्ग प्रसन्न होकर खिलखिला कर हंस देते थे ,,,,,
आज उनकी पत्नी अकेली रह गयी हें पर वे अब तक पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुकी हैं और उनके सर का घाव भी भर चुका है ,,,,,परन्तु पति के जाने का घाव रह रह कर उन्हें टीस दे रहा है ,,,,,,
पर आज वे ऐसी जगह पर हें जहां उन्हें स्नेह ,,,, मान सम्मान के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा भी आजीवन प्राप्त होगी ,,,,,
स्वर्गीय बाल मुकुंद दादा जी का पूर्ण मान सम्मान के साथ चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल में देहदान किया गया ,इस अवसर पर मेडिक्ल सुप्रिडटेंडेंट आशुतोष मंगलगिरी, एनाटॉमी विभाग की डॉक्टर रश्मि देहदान एसोसिएशन के प्रणेता डाक्टर डॉक्टर राकेश भार्गव ,सहित आश्रम संचालक श्रीमति इन्दिरा शर्मा ,,श्री वेद प्रकाश शर्मा केशर जँहा और स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे
दुनिया को अलविदा कहने से पहले वृद्ध आश्रम के वृद्ध कर गए देह दान-आंचलिक ख़बरें-भैया लाल धाकड़
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