करवड़ के इतिहास मे पहली बार नेत्र दान कर मिसाल पेश की गई-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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6 साल के आगम की आंखों से दो लोगों का जीवन रोशन हुआ

लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे आगम माडोत ( 6वर्ष की दिनांक 18 जून 2020 को शाम अंतिम सांस ली जैसे ही गांव मैं यह खबर फैली तो पूरे गांव में शोक की लहर छा गई
जेन समाज के लिये अनूठी मिशाल हे की आगम माडोत की आंखें दान की गई। शंकरा नेत्रालय इंदौर की टीम द्वारा यह प्रक्रिया की गई। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष तरुण माण्डोत एसबी श्री
मान के प्रयास से यह सफल हुआ
आगम के पिताजी धर्मेंद्र माण्डोत का कहना हे की
मेरा इकलौता लाडला पुत्र आंखों का तारा आगम तो आज इस दुनिया से विदा हो गया पर मैं चाहता हूं उसके जाने के बाद भी उसकी आंखें दुनिया को देखें मैं उसकी आंखें दान कर दूसरे के जीवन में रोशनी कर उसको अमर बना दूं मैं उसकी आंखों का दान करता हूं
आगम के पिता धर्मेंद्र माण्डोत के इस निर्णय का पूरा जैन समाज अभिनंदन किया।

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