झाबुआ, 21 जुलाई, 2022। दिनांक 15 जुलाई को समाचार पत्र में प्रकाशित समचार स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टर नहीं नर्स ने डिलीवरी कराई, बच्चेदानी बाहर आ गई, उपचार के दौरान मौत की जांच करने हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक/शिकायत/2022/4161 झाबुआ, दिनांक 15 जुलाई के माध्यम से डॉ. विक्रमसिंह वर्मा जिला स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ की अध्यक्षता में जांच दल गठित कर प्रतिवेदन तत्काल प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया था, जांच दल द्वारा दिनांक 19 जुलाई को अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन एवं संलग्न बयान के आधार पर दिनांक 13 जुलाई को रात्री लगभग 10.30 बजे प्रसुति हेतु उप स्वास्थ्य केन्द्र माडली विकासखंड मेघनगर में भरती किया गया था, दूसरे दिन प्रातः 9.10 बजे प्रसुति हुई, प्रसुति के बाद प्लेसेन्टा निकालने के दौरान बच्चेदानी बाहर आने से जिला चिकित्सालय झाबुआ रेफर किया गया जहा उपचार के दौरान दिनांक 14 जुलाई को महिला की मृत्यु हो गई। जांच प्रतिवेदन एवं सलंग्न बयानों के आधार पर यह स्पष्ट होने पर उप स्वास्थ्य केन्द्र मांडली में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा महिला की प्रसुति कराये जाने में घोर लापरवाही बरती गई है, जिस कारण प्रसुता महिला की मृत्यु हुई है।
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उप स्वास्थ्य केन्द्र माडली, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेघनगर जिला झाबुआ द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई है। इस प्रकार इनका यह कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (1) के खंड (एक) (दो) एवं (तीन) के विपरीत है। अतःएवं म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियो का प्रयोग करते हुए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता उप.स्वा.के. मांडली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेघनगर जिला झाबुआ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
यह भी आदेश दिया जाता है कि आदेश के प्रभावशीलता के मध्य महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उप.स्वा.के. मांडली, सामु.स्वा.के. मेघनगर जिला झाबुआ का मुख्यालय सामु. स्वा.के. रानापुर रहेगा और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उप.स्वा.के. मांडली, सामु.स्वा.के. मेघनगर जिला झाबुआ बिना पूर्व अनुमति प्राप्त किये मुख्यालय नहीं छोडेगी।
निलंबन अवधि में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उप.स्वा.के. मांडली, सामु. स्वा.के. मेघनगर जिला झाबुआ को मूलभुत नियम 53 (1) (ii) (ए) के अंतर्गत विधिवत जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
इस संबंध में सीएचओ के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही प्रचलित है। घोर लापवाही के कारण यह कार्यवाही की गई है।