भाजपा और कांग्रेस के लिए संघर्ष की घड़ी-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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जिले के 12 नगरीय निकायों के 219 में से सबसे ज्यादा 109 पार्षद पद जीत कर यूं तो भाजपा सबसे बड़ा दल बन कर उभरा है, लेकिन 7 परिषदों में उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है। इनमें नगर निगम सतना, नगर पालिका मैहर के साथ-साथ नगर परिषद चित्रकूट, बिरसिंहपुर, जैतवारा, नागौद और अमरपाटन नगर परिषद शामिल हैं। जबकि रामनगर, रामपुर बघेलान, कोटर, कोठी और उचेहरा में नगर परिषद के लिए भाजपा को पूर्ण बहुमत का जनादेश मिला है। राजनीतिक मामलों के जानकारों की राय में जिन नगर परिषदों में भाजपा बहुमत में नहीं है, वहां भाजपा को अध्यक्षी
और उपाध्यक्षी के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी होगी।
45 पार्षदों वाली सतना नगर निगम में भाजपा के 20 पार्षद हैं। जबकि 19 पार्षदों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। यहां 5 निर्दलीय अहम भूमिका में हैं। इनमें से 3 भाजपा के ही बागी हैं। फिलहाल तीनों पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं। बसपा का सिर्फ एक पार्षद है। नगर निगम परिषद के अध्यक्ष पद के लिए सीधे मुकाबले की स्थिति में बीजेपी को 23 पार्षदों का समर्थन चाहिए। अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय दावा मुश्किलें और भी बढ़ा सकता है। भाजपा का यही हाल जिले की इकलौती नगर पालिका मैहर की नगर परिषद में भी है। मैहर की कुल 24 सीटों के मुकाबले भाजपा के पास 11 पार्षद हैं। जबकि कांग्रेस के पास महज 6 पार्षद हैं। यहां भी 6 निर्दलीय पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण है। बसपा के पास महज एक वोट है। यहां भाजपा के लिए अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष के पद पर अपनों की ताजपोशी टेढ़ी खीर है।भाजपा बनाम कांग्रेस • नागौद में करीबी मामला अध्यक्षी के लिए 2 बहुएं दावेदार
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री नागेन्द्र सिंह के गृह नगर नागौद में भाजपा और कांग्रेस के बीच मामला करीबी हो गया है। 15 पार्षदों वाली नागौद नगर
परिषद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए दोनों दलों के पास बहुमत नहीं है। यद्यपि 6 पार्षदों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ा दल है। भाजपा एक वोट से पीछे लगी है। कांग्रेस को बहुमत जुटाने के लिए 2 और भाजपा को 3 पार्षद चाहिए। इन दोनों के बीच 3 निर्दलीय पार्षदों का ही विकल्प है। नागौद नगर परिषद से भाजपा विधायक नागेन्द्र
कामाक्षा सिंह, भाजपा प्रतिभा सिंह, कांग्रेस सिंह की अनुज वधु कामाक्षा सिंह और कांग्रेस
पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह की बहू प्रतिभा सिंह, अध्यक्ष पद की प्रबलतम दावेदार हैं। कामाक्षा इससे पहले भी नगर परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि प्रतिभा के लिए यह पहला चांस है।

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