मालवा – निमाड़ का प्रांतीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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झाबुआ/ अखिल भारतीय साहित्य परिषद की मालवा – निमाड़ अंचल की समस्त इकाईयों का प्रांतीय स्तर पर ऑन लाइन कवि सम्मेलन आयोजन जो कि गुरू पूर्णिमा के निमित्त सावन की रिमझिम बरसात विषय पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषिकुमार मिश्रा के मुख्य आतिथ्य , अखिल भारतीय साहित्य परिषद “मालवा प्रांत” के प्रांताध्यक्ष त्रिपुरारीलाल शर्मा की अध्यक्षता में मां सरस्वती को दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर सर्व प्रथम मां सरस्वती की वंदना मधुर कंठ से मंदसौर के नंदकिशोर राठौर ने प्रस्तुत की ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि ऋषिकुमार मिश्रा ने बताया कि महर्षि वेद व्यास के जन्मोत्सव को गुरू पूर्णिमा के रुप में मनाया जाता है । उन से प्रेरणा लेकर हमेंसमाज को समरसता व संवेदनशील बनाए रखना हम सभी रचनाधर्मियों का कर्तव्य है ।देश में सक्रिय रुप से 195 ज़िला इकाइयां अपना कार्य कर रही है ।
अपना काव्य धर्म निभाते हुए उन्होंने कहा कि “सवा सैर को सैर , सैर को पोना करती है – बात जरा सी बड़े बड़े को बोना करती है ” कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे त्रिपुरारीलाल शर्मा ने गुरू पूर्णिमा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गुरु पर रचित अपनी काव्य रचना ” गुरू इतनी कृपा करना प्रभु से मिला देना ” अपने अंदाज में प्रस्तुत कर आध्यात्मिकता की ओर सबको मोड़ दिया । सभी ने जमकर तालियां बजाईं । गुरु की महत्ता को रेखांकित करता हुआ गीत अखिल भारतीय साहित्य परिषद झाबुआ के जिलाध्यक्ष भेरूसिंह चौहान “तरंग” ने भी “गुरु की महिमा सबसे न्यारी गुरु ज्ञान की खान है – राह दिखाते हैं सबको ही मिल जाते भगवान हैं”प्रस्तुत की और तालियां बटोरी । प्रवीण कुमार सोनी ने पावस ऋतु के आगमन को लेकर “रिमझिम वर्षा ऋतु ये आई ” सुनाकर सबका दिल जीत लिया । मंदसौर के कवि नंदकिशोर राठौर ने “सावन आए भादो जाए ” प्रेम विरह गीत की प्रस्तुती बहुत ही सुन्दर मधुर कंठ से की । इसके साथ ही मनोहरसिंह चौहान (जावरा),प्रमोद पंचोली(बड़नगर), देवेन्द्र वाघेला (रतलाम), प्रकाश हेमावत (रतलाम), दिलीप शर्मा (देवास), विनोद गुर्जर (महू), शिशिर देसाई(सनावद), किशोर चोलकर (सनावद), श्रीमतीअरुणेश्वरी गौतम(उज्जैन) श्रीमती विनीता खंडेलवाल(इन्दौर), श्रीमती बिंदू कृष्णकांत पंचोली (महू), श्रीमती निशा उपाध्याय(बड़वानी), रेखा वर्मा , सपना साहू सहित कई रचनाकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक काव्य रचनाओं की प्रस्तुतियां देकर समा बांधी । कवि सम्मेलन की समीक्षा त्रिपुरारीलाल शर्मा द्वारा बहुत ही सुन्दर कविता के माध्यम से सभी कवियों के छंदों को काव्य में पिरोकर प्रस्तुत की जिसकी सब ने मुक्त कंठ से सराहना की। कवि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुए मंदसौर के कवि नरेन्द्र भावसार ने भी विरह गीत की प्रस्तुती देकर सभी को भाव विभोर कर दिया । अन्त में आभार व्यक्त किया साहित्यकार कवि प्रकाश पंचोली ने ।

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