उत्तर वन मंडल के पन्ना रेंज अंतर्गत, विक्रमपुर की तिलगवा बीट में फांसी के फंदे से लटके मिले इस बाघ के शव के मिलने से हडकंप मच गया है। यह सुनने में बड़ा ही आश्चर्यचकित करने वाला लगता है कि, जब किसी बाघ की फांसी लगने से मौत हुई है। इस संबंध में सीसीएफ छतरपुर संजीव झा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए।
यह मामला सौंप रहे हैं। इसके अलावा पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ मामलों से जुड़े डॉक्टर संजीव गुप्ता, टाइगर रिजर्व का डॉग स्कवाड और सतना जिले का डाग स्क्वॉयड भी बुलाया गया है। सभी मामले की जांच में लगे हुए हैं। वहीं टाइगर रिजर्व के डॉक्टर संजीव गुप्ता सुबह मौके पर पहुंचे, और पूरे पहलुओं की जांच करते हुए, उन्होंने बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया, और मौत के कारणों को जानने का प्रयास किया कि, आखिर बाघ की मौत कैसे हुई है, और शिकार किया गया है, यह किस तरह से हुआ है।
घटना के संबंध में जानकारी देते हुए, सीसीएफ छतरपुर श्री झा ने बताया कि, यह प्रारंभिक रूप से शिकार का मामला लग रहा है। हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं।