एमपी हाईकोर्ट की अवमानना पर मझगवां एसडीएम, चित्रकूट के सीएमओ और नगर परिषद के उपाध्यक्ष समेत नोटिस-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर परिषद ने करा दी 50 वर्ष पुराने आवासीय भवन की दीवार
और यूं हुई अवज्ञा मौके पर भारी पुलिस बल के साथ एसडीएम पीएस त्रिपाठी, नगर परिषद की अध्यक्ष साधना पटेल, तहसीलदार नितिन झोड़, नायब तहसीलदार सुमित गुर्जर और पटवारी आशीष सिंह भी मौजूद थे। आरोप है कि याचिकाकर्ता द्वारा मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों को हाईकोर्ट के स्टे आर्डर और कोअसिव एक्शन नहीं लेने के डायरेक्शन को दिखाने और पढ़ाने के बाद भी 50 वर्ष पुराने आवासीय भवन और दीवार बुल्डोज से गिरा दी गई थी तोड़फोड़ तकरीबन डेढ़ घंटे तक चली थी। जबकि हाईकोर्ट ने पिटीशन इस आधार पर निराकृत की थी कि याचिकाकर्ता सीएमओ को 15 दिवस के अंदर दस्तावेज उपलब्ध कराएगा। सीएमओ मौके का मुआयना कर दस्तावेजों का परीक्षण करेंगे। अतिक्रमण पाए जाने पर कम्पाउंडिंग की कार्यवाही प्रक्रिया तो दूर याचिकाकर्ता को सुनवाई दस्ते ने आवासीय मकान की पुरानी दीवार ध्वस्त कर दी थी। तक का अवसर नहीं दिया गया था।
क्या है पूरा मामला
कोअसिव एक्शन नहीं लेने की एमपी हाईकोर्ट चित्रकूट में 50 वर्ष पुराने आवासीय भवन की दीवार स्वस्त करने के अवमानना मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर ने मझगवां के एसडीएम पीएस त्रिपाठी, चित्रकूट नगर परिषद के सीएमओ विशाल सिंह, नगर परिषद के उपाध्यक्ष आशीष शर्मा अतिक्रमण अधिकारी प्रभात सिंह और नायब तहसीलदार सुमित गुर्जर को नोटिस देकर जवाब तलब किए हैं। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चित्रकूट के कामता निवासी हरिओम मिश्रा पिता श्रीधर मिश्रा की अवमानना याचिका (2472/22) सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए नोटिस दिए हैं।
हिदायत के बाद भी
प्रकरण के मुताबिक धर्मनगरी चित्रकूट के वार्ड नंबर-2 में कामता निवासी हरिओम मिश्रा पिता श्रीधर की एक रिट पिटीशन (22805/22) पर एमपी हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कोअसिव एक्शन (कड़े कदम) नहीं लेने के डायरेक्शन के बाद भी नगर परिषद के अतिक्रमण दल ने 50 वर्ष पुराने हरिओम मिश्रा के आवासीय भवन की दीवार ध्वस्त कर दी थी। असल में नगर परिषद ने सरकारी जमीन में कब्जा कर अवैध निर्माण करने के आरोप लगाते हुए बेदखली का नोटिस दिया था। नोटिस के खिलाफ फरियादी हरिओम मिश्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। सुनियोजित साजिश के
आरोप हैं कि 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट से स्टे आर्डर के बाद भी की जाएगी। यदि ऐसा संभव न हो तो सुनियोजित साजिश के तहत नगर परिषद के उपाध्यक्ष आशीष शर्मा 7 दिन का अवसर देते हुए अतिक्रमण और अतिक्रमण अधिकारी प्रभात सिंह के नेतृत्व में पोकलेन मशीन हटाने की कार्रवाई की जाएगी। मगर यह ट्रैक्टर-ट्राली और श्रमिकों की फौज लेकर मौके पर याचिकाकर्ता की दीवार तुरंत ध्वस्त कर दी

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