एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विनय भाबर के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र छात्राओं ने विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर पहुंचकर प्रदर्शन किया
विद्यार्थियों की समस्याओं को सुनने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया भी पहुंचे
एनएसयूआई कार्यकर्ता, विद्यार्थी और विधायक 20 मिनट तक कलेक्टर का इंतजार करते रहे
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विनय भाबर ने बताया हमने विद्यार्थियों की समस्या को लेकर आज राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोपते हुए जिले के विद्यार्थियों की समस्या से अवगत कराया की
झाबुआ जिला आदिवासी जिला है यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि यहां के आदिवासी अपने बच्चो को इंदौर भोपाल भेज कर स्कूल कॉलेजों में पड़ा सके। इसलिए झाबुआ जिले के स्कूल कॉलेज में पढ़ाते है और हॉस्टलों में रखते है जिससे बच्चो कि पड़ाईं अच्छे से हो सके परन्तु रानापुर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र अपनी जान को हाथो में रख कर पड़ रहे क्यों की कॉलेज से कुछ मीटर दूर केशर मशीन संचालित हो रही है केशर मशीन मालिक गिट्टी के लालच में रोज खदान में ब्लास्टिंग का कार्य कर रहता है जिससे कॉलेज की दीवारों में दरार आ रही है कभी भी कॉलेज की दीवार गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से सूचित किया गया परन्तु जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए गिट्टी खदान के पास ही मॉडल स्कूल और उत्कृष्ट स्कूल का हॉस्टल भी स्थित है जहा सैकड़ों छात्र रह कर अध्यन करते है हॉस्टल में रहने वाले छात्र रात को ब्लास्टिंग के कारण दहशत में रह कर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए है। रोज के धमाके और रोज धूल मिट्टी के बीच में रहने को मजबूत है कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है ये सब जिला प्रशासन को पता है परन्तु गरीब आदिवासी के बचे है इसलिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है अतः राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि गिट्टी खदान को तत्काल रूप से बन्द किया जाए और छात्रों के साथ हो रहे अन्याय को बन्द किया जाए।
वहीं आज झाबुआ जिले के कॉलेजों की हालत खराब है कॉलेज में अध्यन करने वाले छात्र छात्राओं को आवास घर की राशि नहीं मिल रही है ना हीं छात्रवृति मिल रही है गरीब बचे केसे किराए के मकान में रह कर अध्यन करे वही आईटीआई कॉलेज में ना हॉस्टल की व्यवस्था है ना हीं आवास घर की राशि मिलती है ना हीं बच्चो को खेल सामग्री दी जाती है ना हीं छात्रों को प्रैक्टिकल का सामान दिया जाता है कॉलेज में ना हीं कोई मशीन चालु है जिससे इलेक्ट्रिकल विभाग के छात्र कोई प्रैक्टिस कर सके। प्रधानमंत्री मोदी स्किल इंडिया के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर रहे पर झाबुआ के आईटीआई कॉलेज में किसी को नोकरी या खुद का धंधा करने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं हो रहे है आज झाबुआ पीजी हॉस्टल में ना सोने के लिए बिस्तर है ना ही पलंग है कॉलेज में साफ पानी पीने के लिए ना ही मशीन है झाबुआ जिले की हालत बत से बतर है। राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि झाबुआ जिले के कॉलेज हॉस्टलों की उच्स्तरीय जांच कर सभी समस्याओं को हल किया जाए वहीं पिटोल कुंदनपुर से रानापुर रोड एक पट्टी है जिससे आए दिन एक्सिडेंट होते रहते है गर्मियों में आदिवासी समाज अधिकतर शादियां करते है तब बारात जाते समय एक पट्टी रोड के कारण गरीब आदिवासियों का अधिकतर एक्सिडेंट होता है सरकार से कई बार आश्वासन मिला पर अभी तक रोड नहीं बना है । राज्यपाल महोदय से निवेदन है कि जल्द पिटोल कुंदनपुर से रानापुर रोड को 2 लेन बनाया जाए जिससे एक्सिडेंट में कमी आए वहीं झाबुआ में एलएलबी कॉलेज बनने के लिए सरकारी जमीन आलाट कर दी गई है वहीं बजट भी जिला प्रशासन को दिया गया है परन्तु अभी तक एलएलबी कॉलेज का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाए वही आदर्श कॉलेज में खुद मुख्यमंत्री ने झाबुआ आ कर घोषणा कि थी कि आदर्श महाविद्यालय झाबुआ में मास्टर डिग्री के सभी विषय प्रारम्भ किए जाते है परन्तु अभी तक सरकार ने एक भी विषय प्रारम्भ नहीं किए बस घोषणाओं में ही विषय रह गए। राज्यपाल महोदय झाबुआ जिला आदिवासी जिला है झाबुआ का एक मात्र अग्रिम कॉलेज शहीद चन्द्र शेखर आजाद महाविद्यालय है यहां पर हजारों छात्र छात्राएं अध्यन करती है परन्तु छात्र छात्राओं के लिए रहने के लिए होस्टल में व्यवस्था सिर्फ 70 सीटर है आज हॉस्टलों में 500 सीटर की छात्र छात्राओं को आवश्कता है तब जा कर हॉस्टल में रह कर बचे पढ़ाई कर सकते है। कॉलेज हॉस्टलों को 500,0सीटर की व्यवस्था की जाए झाबुआ जिला आदिवासी जिला है यहां के आदिवासियों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं की आदिवासी अपने बच्चो को इंदौर पड़ा सके एग्जाम दिला सके। जब भी मध्य प्रदेश में बडी एग्जाम आती है तो सेंटर झाबुआ जिले को छोड़ मध्य प्रदेश के कोई से भी जिले को बना दिया जाता है जिससे झाबुआ के छात्रों को बाहर एग्जाम देने जाना पड़ता है अब जिसके पास पैसे रहते है वो तो गाड़ी कर के एग्जाम सेंटर समय से पहुंच जाता है परन्तु जिनके पास पैसे नहीं रहते है वो छात्र परीक्षा से वंचित रह जाते है अभी कुछ साल पहले इंदौर एग्जाम देने जाते वक़्त दुर्घटना में छात्रा की जान चली गई थी इसलिए राज्यपाल से निवेदन है कि झाबुआ में परीक्षा सेंटर बनाया जाए अब झाबुआ में भी पर्याप्त भवन है जहा ऑनलाइन सेंटर बनाए।
कलेक्टर रजनी सिंह ने छात्र छात्राओं को आश्वासन दिया जल्द ही जांच कर आपकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा ।