शिवराज सिंह चौहान ने कहा सचमुच में हम सौभाग्यशाली हैं, और हमारा राष्ट्र भाग्यशाली है कि, प्रधानमंत्री के रूप में हमें श्रीमान नरेंद्र मोदी जी मिले हैं। वह कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी हैं। वह संकल्प लेते हैं और उनकी सिद्धि के लिए अपने आप को झोंक देते हैं। श्री तुलसीदास जी ने कहा था क्षिति जल पावक गगन समीरा । पंच रचित यह अधम शरीरा ।वेदों में कहा गया है ‘जल ही अमृत है । आज जरूरत इस अमृत को सहेज कर रखने की है।