आस्ताने पर बढ़ी रौनक,गलियां हुई गुलज़ार
फफूंद,औरैया। हाफिजे बुखारी ख्वाजा अब्दुस्समद चिश्ती का 121वां सालाना उर्स मुबारक का आगाज़ ख़ानक़ाह के सज्जादा नशीन सैयद अख़्तर मियाँ चिश्ती की सरपरस्ती में सोमवार फजर की नमाज़ के बाद क़ुरआन ख़्वानी से हुआ और आस्ताना आलिया पर दूर-दूर से जायरीन हज़रात (महमानों)के आने का सिलसिला शुरू हो गया और पहले दिन से ही उर्स के कर्यक्रमों की शुरुआत हो गयी है और गुरुवार तड़के सुबह चार बजे उर्स का समापन होगा। हिंदुस्तान की सुप्रसिद्ध ख़ानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया फफूंद शरीफ में हुज़ूर ख्वाजा अब्दुस्समद चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स हर साल की तरह इस साल भी बड़े ही अकीदत और सादगी के साथ मनाया जा रहा है जिसको लेकर ख़ानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया में अलग अलग राज्यों से जायरीनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।सोमवार को उर्स के पहले दिन की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज़ के बाद क़ुरआन ख्वानी के साथ हुई तथा दोपहर बाद नमाज़ ज़ुहर हुज़ूर हाफ़िज़ बुख़ारी सैयद शाह ख्वाजा अब्दुस्समद चिश्ती,
हुज़ूर ख्वाजा बन्दा नवाज़ सैयद शाह मिस्बाहुल हसन चिश्ती व हुज़ूर सैयद अकबर मियाँ चिश्ती के मज़ारात शरीफ के ग़ुस्ल की महफ़िल हुई और असर की नमाज़ के बाद महफ़िल-ए- मीलाद का आगाज़ हुआ और बाद नमाज़ मगरिब मेहमानों को लंगर खिलाया गया तथा रात को इशा की नमाज के बाद गागर शरीफ का जुलूस नगर के तय रास्तों मुहल्ला मोतीपुर,जुबैरी,सब्जी मंडी होता हुआ आस्ताना आलिया पर आकर समाप्त हुआ गागर के जुलूस में वाबस्तगाने आस्ताना आलिया अपने सरों पर गागर (कलश) रखकर चल रहे थे और कव्वाल बेहतरीन कलाम पढ़ते जा रहे थे।गागर के जुलूस में सैंकड़ों की संख्या में जायरीन व अकीदतमन्दों ने शिरकत की।वहीं आज मंगलवार को उर्स के सभी कर्यक्रम दरगाह के अहाते के अंदर होंगे जिसमें सुबह नौ बजे महफ़िल-ए- मसाइले शरिया का आगाज़ होगा।इससे पहले रविवार की देर रात शब-ए-असलमी के नाम से मुशायरे की महफ़िल हुई जिसमें क्षेत्रीय व बाहर से आये हुए शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम के ज़रिए लोगों की वाह वाही लूटी।