श्री संघ एवं परिषद् परिवार द्वारा तीनों का किया गया बहुमान
झाबुआ। स्थानीय जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पर 14 जनवरी, शनिवार को नव्वाणु यात्रा के तपस्वी मित बरमेचा, विनय वागरेचा एवं मोना रुनवाल की शोभायात्रा निकाली गई। इस अवसर पर श्री संघ एवं परिषद परिवार द्वारा तप अभिनंदन कार्यक्रम भी रखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश छाजेड़ पारा, मप्र अध्यक्ष मोहित तातेड धार एवं तरुण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य धोका उपस्थित रहे।
जानकारी देते हुए श्वेतांबर जैन श्री संघ प्रवक्ता डॉ प्रदीप संघवी ने बताया कि पुण्य सम्राट श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीष्वरजी मसा के दिव्य आषीर्वाद एवं गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी मसा तथा आचार्य श्री जयरत्न सूरीश्वरजी मसा की पावन प्रेरणा से श्री सिद्धाचलजी तीर्थ पर विराजित पपू मुनि प्रवर श्री चंद्रयश विजयजी मसा की पावनकारी निश्रा में नव्वाणु यात्रा के तपस्वी के शहर आगमन पर आराधक मित बरमेचा, विनय वागरेचा एवं मोना रुनवाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा श्री ऋषभदेव बावन जिनालय से प्रातः 10 बजे प्रारंभ हुई। जिसमें सर्वप्रथम श्रावक वर्ग, बाद श्राविका वर्ग चली। रथ पर तपस्वी बैठे थे। युवा वर्ग द्वारा तपस्वी की जय-जयकार के घोष लगाए गए। जगह-जगह समाजजनों द्वारा रथ पर बैठे तपस्वियों का शाल-श्रीफल से बहुमान किया गया। चल समारोह शहर के रुनवाल बाजार, थांदला गेट, बाबेल चैराहा, आजाद चैक, राजवाड़ा लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए पुनः बावन जिनालय पहुंचा।
माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन किया गया
जैन श्वेतांबर श्री संघ एवं परिषद् परिवार द्वारा आयोजित बहुमान कार्यक्रम की शुरुआत श्री संघ अध्यक्ष मनोहरलाल भंडारी, पूर्व अध्यक्ष धर्मचंद मेहता, परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश छाजेड, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश जैन नाकोड़ा, परिषद् प्रदेश अध्यक्ष मोहितजी तातेड, तरुण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य धोका एवं झाबुआ परिषद अध्यक्ष प्रमोद भंडारी द्वारा पुण्य सम्राटजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। दीप प्रज्वलन अतिथि पारस कांठेड़ पारा समीरमलजी बरमेचा, शांतिलाल वरमेचा, तेजप्रकाश कोठारी, यशवंत भंडारी अरविंद लोढ़ा, अनिल रुनवाल, डाॅ. संतोष प्रधान ने किया।
अतिथि एवं वक्ताओ ने रखे विचार
तपस्वी की अनुमोदना में अपने विचार व्यक्त करते हुए अतिथियों ने कहा कि 45 दिवस में श्री सिद्धाचल गिरिराजजी की नव्वाणु यात्रा कर तपस्वी ने अपना मानव जीवन धन्य बना दिया। महिला परिषद की राष्ट्रीय परामर्शदाता श्रीमती आशा कटारिया ने कहा कि छोटी सी उम्र में बड़ी तपस्या कर इन तपस्वी ने झाबुआ को गौरवान्वित किया है। श्रीमती प्रभा मूथा ने कहा कि आप सभी ने देव गुरु की असीम कृपा से तपस्या पूर्ण की। रुचि बुक्कीया, दिनेश लोढ़ा बांसवाड़ा आदि ने भी अपने विचार रखे। अभिनंदन पत्र का वाचन योगेश जैन ‘बापू’ ने किया। इस अवसर पर तपस्वियों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नव्वाणु यात्रा की आराधना पुण्य सम्राटजी की कृपा से संभव हुई। हर श्रावक-श्राविका को जीवन मे 1 बार जरूर नव्वाणु यात्रा करना चाहिए।
शाल-श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र से हुआ बहुमान
श्री संघ एवं परिषद् परिवार के साथ ही राष्ट्रीय परिषद्, प्रदेश इकाई, तरुण परिषद की राष्ट्रीय इकाई, महिला परिषद बहू परिषद के साथ ही शहर की विभिन्न संस्थाओं ने भी तपस्वियों का शाल-श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंटकर बहूमान किया। इस अवसर पर बडी सख्या में समाजजन उपस्थित रहे।
लाभार्थी परिवार का भी हुआ बहुमान
इस दौरान साधर्मी वात्सल्य के लाभार्थी श्रीमती कोकिला सागरमल वरमेचा एवं श्रीमती इंदिरा महेंद्र वागरेचा का श्री संघ की ओर से महिला परिषद् एवं महिला मंडल की वरिष्ठ श्राविकाओं ने शाल-श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम पश्चात् साधर्मी वात्सल्य का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्रावक संजय मेहता ने किया एवं आभार जितेंद्र बरमेचा, संजीव वागरेचा एवं गजेंद्र वागरेचा परिवार ने माना। तपस्या की अनुमोदना निमित्त इस दिन दोपहर 2 बजे से श्री ऋषभदेव बावन जिनालय गुरू मंदिर हाल पर चैवीसी का भी आयोजन तपस्वी परिवार की ओर से किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।