कलेक्टर ने की समाज के सभी वर्गों से पुस्तकालय के लिए सहयोग की अपील
जिला कटनी – कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशन में कटनी जिले में बच्चों में पठन संस्कृति के विकास हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैँ | श्री प्रसाद द्वारा विभिन्न विद्यालयों के भ्रमण के दौरान बच्चों से मिलकर उनकी पढ़ाई लिखाई की स्थिति को जानना, उनके साथ भोजन करना, खाना परोसकर बच्चों को खाना खिलाना, बच्चों को अच्छी गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध कराने हेतु स्वयं पहल करना, पुस्तकालय में छात्रों से कहानी सुनना ,
और बच्चों को हर दिन स्कूल आने के लिये प्रेरित करना शिक्षा के प्रति उनके संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचायक है | श्री प्रसाद का मानना है कि समाज में रीडिंग कल्चर के विकास के लिये बच्चों का उनकी आयु के अनुरूप तरह -तरह की किताबें पढ़ना जरूरी है | पढ़ने से जुड़ाव होने पर बच्चे कई अनुभवों से गुजरकर किताबों की सीख को जीवन में लागू करते हैँ तभी परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव आता है |
इस उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय रीठी में पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया था और साथ में वहां बच्चों से यह भी जाना गया था कि आपको यहां पर क्या आवश्यकता है बच्चों ने वहां पर टीवी और साथ में कुछ किताबें इत्यादि की आवश्यकता बताई थी। कलेक्टर द्वारा उन सबकी पूर्ति की गई। साथ ही संज्ञान में लिया कि छात्रावासी बालिकाएं जिनको पढ़ने के मौके कम मिलते हैं उनके लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्रावासों में पुस्तकालय स्थापित किये जायें।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा 25 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप किसी एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास में पुस्तकालय का शुभारंभ किया जाएगा। इसके पश्चात क्रमशः जिले के अन्य कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में भी पुस्तकालय प्रारंभ किया जाएगा। और शेष अन्य विभाग के भी सभी छात्रावासों में पुस्तकालय प्रारंभ करने की योजना है ।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिले में संचालित सभी छात्रावासों की व्यवस्थाओं को सुदृढ और निगरानी करने तथा बेहतर बनाने का सुझाव देने के लिए जिला अल्प बचत अधिकारी दीपक सिंह को दायित्व सौंपा है। साथ ही जिले के अन्य छात्रावासों में भी पुस्तकालय संचालन हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये है |
छात्रावासों में स्थापित होने वाले पुस्तकालयों में न्यूनतम 100 पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी।जिनमें से 25 प्रतिशत किताबें कामिक्स पिंकी, बिल्लू ,चाचा चौधरी, अमर चित्र कथा, अकबर बीरबल, तेनालीराम, विक्रम बेताल, चंपक, चंदामामा इत्यादि, 25 प्रतिशत किताबें सामान्य ज्ञान, रिफ़रेन्स बुक्स, एनसायकलोपीड़िया एवं नवीन जानकारी आधारित तथा शेष 50 प्रतिशत किताबें स्वस्थ बाल साहित्य आधारित होंगी| पुस्तकालय में लगभग 50 कुर्सियों के साथ साथ किताबें रखने के लिये 2 बुक सेल्फ एवं 2 बड़े टेबल रखे जायेंगे जिन पर पढ़ने हेतु प्रतिदिन किताबें डिस्प्ले की जायेंगी| विद्यालय से छात्रावास लौटने के पश्चात अथवा रात्रि डिनर के पश्चात आधा से एक घंटे तक छात्राएं पुस्तकालय में किताबें पढ़ेंगी|
प्रतिमाह अंतिम रविवार को प्रातः 11 बजे पुस्तक पर चर्चा का आयोजन अथवा पपेट (कठपुतली) के माध्यम से कहानियों का मंचन किया जायेगा साथ ही किताबों पर आधारित स्वस्थ बाल फिल्में भी छात्राओं को दिखाई जायेंगी | माहवार होने वाली गतिविधियों में स्वल्पाहार की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिये गये हैँ |
वार्डन और सहायक वार्डन को पुस्तकालय संचालन हेतु बेसिक पुस्तकालय प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जायेगा| प्रशिक्षण हेतु किसी विशेषज्ञ एजेंसी अथवा डाइट की सेवाएं ली जायेंगी|
माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार जिले में इस नई पहल का शुभारंभ 25 जनवरी को एक केजीबीव्ही से करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिये गये हैँ| जिले के सभी छः के जी बी व्ही के पश्चात इन पुस्तकालयों को आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में भी प्रारंभ करने की कार्यवाई की जायेगी | पुस्तकालयों को स्थापित करने एवं उन्हें संचालित करने हेतु जिले के समाजसेवियों, प्रबुद्धजनों से 20 जनवरी की शाम 5 बजे तक कार्यालयीन समय पर सुझाव आमंत्रित किए गये हैँ| ये सुझाव डाइट कटनी में पदस्थ व्याख्याता श्री राजेन्द्र असाटी के संपर्क नंबर 9424395097 पर प्रेषित किए जा सकेंगे |
इसके अलावा छात्रावास वार्डन एवं शिक्षा विभाग के सभी प्राचार्यों की बैठक में विभागीय स्तर पर सुझाव लिये जायेंगे | स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नागरिकों द्वारा स्वप्रेरणा से संसाधनों को जुटाने हेतु आर्थिक सहयोग भी किया जा सकता है | सभी संबंधित विभागों को पूर्व तैयारी करने के निर्देश कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा दिये गये हैँ |