मुख्यमंत्री की तीर्थदर्शन यात्रा के लिए अपात्र पाए जाने पर मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी की माता विद्या बागरी और पिता लालजी बागरी द्वारका यात्रा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई है।
मामला संज्ञान में आने पर सोमवार को तीर्थदर्शन यात्रा के नोडल आफीसर और संयुक्त कलेक्टर सुरेश जादव ने आनन-फानन में आवेदन निरस्त कर दिया। देखते ही देखते आदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। मसनहा स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में सहायक शिक्षक लालजी बागरी आयकर दाता भी हैं। सरकारी शर्तों के तहत कोई भी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी या फिर आयकर दाता तीर्थदर्शन यात्रा के लिए पात्र नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार आरोप है। कि सरकारी पद मैं रहते हुए व आयकर दाता की जानकारी छुपाते हुए लालजी बागरी ने स्वयं और अपनी पत्नी के लिए अवैध तरीके से योजना का लाभ लेने की कोशिश की गई क्या उनके ऊपर प्रकरण नहीं बनता? क्या उन्होंने गैरकानूनी कार्य नहीं किया? क्या उनके ऊपर कार्यवाही नहीं करना चाहिए ? सारे सबूत होने के बावजूद भी लीपापोती क्यों आधार कार्ड मोबाइल नंबर जब दिए होंगे तो फार्म भरेगा बिना आधार कार्ड मोबाइल नंबर के फॉर्म नहीं भर सकता? इसीलिए कि उनका बेटा मुरैना एसपी है? इस तरह की वारदात कोई पत्रकार या आम जनता करती तो उसे डीआईजी द्वारा डी पी के केस में 170 का मुकदमा लगाकर फसा देते है क्योंकि वह पत्रकार डीआईजी व एसडीएम की पोल ना खोल दे जब डीपी के केस में डीआईजी एसडीएम अपने पावर का प्रयोग करके आम जनता और पत्रकार को अंदर करा सकता है डीआईजी एसडीएम यह नहीं जानते कि वह मामूली पत्रकार नहीं है पत्रकार की कलम को लिखने से कोई नहीं रोक सकता एसपी मुरैना आशुतोष बागरी के पिता लालजी बागरी और विद्या बागरी के केस में लीपापोती क्यों? अगर मीडिया में आई खबर वायरल नहीं होती तो निश्चित ही योजना का लाभ लेते कानून तो सबके लिए बराबर है इसलिए मेरा मुख्यमंत्री गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से निवेदन है इस और ध्यान देवें
मुख्यमंत्री की तीर्थदर्शन यात्रा के लिए अपात्र पाए जाने पर मुरैना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी की माता विद्या बागरी और पिता लालजी बागरी द्वारका यात्रा तत्काल प्रभाव से निरस्त -आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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